सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने आज भी सुबह से ही बिहार को लेकर ट्विटर पर बम फोड़ने शुरू कर दिए। सबसे पहले उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार अभिरंजन कुमार के मीडिया सरकार पर छपे लेख “नीतीश जी, काटजू के बयान से नहीं, जंगलराज से शर्मिंदा होता है बिहार!” को री-ट्वीट किया।
इस लेख में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा गया है कि काटजू को जवाब देने के लिए 11 करोड़ बिहारी हैं, आप तो बस एक मुख्यमंत्री की तरह काम कीजिए और जिन वजहों से बिहार की बदनामी होती है, उन वजहों को दूर करने में अपना ध्यान लगाइए। इस पूरे लेख को आप यहां पढ़ सकते हैं-
नीतीश जी काटजू के बयान से नहीं जंगलराज से शर्मिंदा होता है बिहार
इसके बाद जस्टिस काटजू ने दो और ट्वीट किये। पहला ट्वीट देखें-
Nitish Kumar says that I regard myself as the ‘mai baap’ of Bihar.
No Nitishji, I am not the ‘mai baap’ of Biharis but their Shakuni Mama.
(नीतीश कुमार कहते हैं कि मैं अपने को बिहार का माई-बाप समझता हूं। नहीं नीतीश जी, मैं बिहारियों का माई-बाप नहीं, शकुनि मामा हूं।)
इसके बाद काटजू ने एक और ट्वीट किया-
I suggest Biharis should take their complaint against me to the U.N.
When ‘cheer haran’ of Draupadi was being done, she appealed to Lord Krishna to save her honour.
(मेरा सुझाव है कि बिहारी लोग मेरे ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र में शिकायत करें। जब द्रोपदी का चीर-हरण हो रहा था, तब उन्होंने भगवान कृष्ण से अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए गुहार लगाई थी।)
ज़ाहिर है, काटजू के तेवर देखकर लगता नहीं कि वे अपने मज़ाकिया बयानों से पीछे हटने वाले हैं। उन्हें जितना छेड़ा जाएगा, वे उतनी ही रुचि लेकर इस मामले में टीका-टिप्पणी करते रहेंगे। लेकिन जिस तरह से सुबह-सुबह उन्होंने मीडिया सरकार के लेख को रीट्वीट किया है, उससे स्पष्ट है कि बिहार को लेकर उनके बयानों का निहितार्थ वही है, जिसे हमने अपने लेखों और विश्लेषणों के ज़रिए आपके सामने रखा है। यानी साफ़ तौर पर वे बिहार में व्याप्त जंगलराज पर ही चोट करना चाहते हैं।