नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत नाजुक बनी हुई है। एम्स में उन्हें फुल लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की सेहत में सुधार के लिए आम से लेकर खास तक हर कोई दुआएं मांग रहा है। 93 साल के वाजपेयी लंबे वक्त से बीमार हैं और 2009 से व्हीलचेयर पर हैं। पिछले 36 घंटों से उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई है, जिसके बाद उनसे मिलने तमाम नेता एम्स पहुंचने लगे। लोग उनके लिए दुआएं कर रहे हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी ने 90 के दशक में बीजेपी को स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाई। अटल जी के व्यक्तित्व का ही कमाल था कि बीजेपी के साथ उस समय नए सहयोगी दल जुड़ते गए।
अटल जी सौम्य स्वभाव के थे, लेकिन कड़े फैसले लेने में भी वो पीछे नहीं हटते थे। उनके राजनीतिक जीवन पर नजर डाले तो वो पहली बार 1957 में संसद सदस्य चुने गए थे। साल 1950 के दशक की शुरुआत में आरएसएस की पत्रिका को चलाने के लिए वाजपेयी ने कानून की पढ़ाई बीच में छोड़ दी, फिर उन्होंने आरएसएस के जरिए राजनीति में अपनी जड़ें जमाई।
साल 1951 में अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति में कदम रखा और 1955 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वो अपनी पहली लड़ाई हार गए थे। उन्होंने इस हार से सबक ली और इसके बाद उन्होंने 1957 में फिर से चुनाव लड़ा और इस बार जीतकर सांसद बनें।
अटल बिहारी वाजपेयी कुल 10 बार लोकसभा के सांसद रहे। उन्होंने 1962 और 1986 में दो बार राज्यसभा के सांसद चुने गए। इतना ही नहीं कांग्रेस के अलावा वो किसी दूसरी पार्टी के देश के सर्वाधिक लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले व्यक्ति बने।