पाक से भारत का सम्बन्ध दोस्ताना हो ,यही चाहती है भारत की पाकिस्तानी दुल्हन
उस दिन को कमर याद करती है जिस दिन नरेन्द्र मोदी ने उसे बहन का दर्जा दिया था …गुजरात के तत्कालीन राज्यपाल स्वरूप सिंह ने गुजरात से विदा लेते हुए मोदी जी से कहा था कि कमर उनकी बेटी है उसका खास ख्याल रखना,तभी छूटते ही मोदी जी ने कहा तब तो कमर उनकी बहन है ,तभी से कमर नरेन्द्र मोदी की बहन बन गयी और तबसे राखी बांधने का सिलसिला आज तक जारी है . इसके बाद से वह हर साल नरेंद्र मोदी को राखी बांधती हैं.” क़मर बताती हैं कि वो ‘मोदी को उस दौर से राखी बांध रही हैं जब वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक सामान्य कार्यकर्ता थे’..
क़मर पाकिस्तान में पैदा हुईं. वहीं पढ़ी लेकिन एक हिंदुस्तानी से शादी के बाद से वो भारत में रह रही हैं. हालांकि, उनके दिल में पाकिस्तान की यादें ताज़ा हैं और वो चाहती हैं कि ‘दोनों मुल्क़ों में अमन का रिश्ता कायम हो.
प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ी एक याद को साझा करते हुए क़मर ने बताया, “एक बरस जब मैं नरेंद्र भाई को राखी बांधने दिल्ली आई तो उन्होंने मुझे देखते ही हंसते हुए कहा कि…’अरे, क़मर तुम तो टीवी पर छाई रहती हो, स्टार हो गई हो.’ फिर वह मेरे बेटे के बारे में पूछने लगे कि मेरा बेटा आजकल कहां पढ़ाई कर रहा है और तैराकी के क्षेत्र में क्या कर रहा है?”
विशुद्ध उर्दू में शेर कहने वाली क़मर मोहसिन शेख़ पुरानी यादें ताजा करते हुए बताती हैं कि वह पीएम मोदी को बीते कई सालों से राखी बांध रही हैं लेकिन आज भी व्यक्तिगत रूप से मोदी एकदम नहीं बदले ,जैसे पहले थे आज भी वही हैं .पाकिस्तान से लगभग 37 साल पहले भारत आईं क़मर शेख के मुताबिक़ भाई के रूप में उन्हें नरेंद्र मोदी ही दिखाई देते हैं.
क़मर शेख के अनुसार नरेंद्र मोदी से उनकी पहली मुलाक़ात दिल्ली में हुई थी जब वो गुजरात के सांसद दिलीप भाई संघानी के घर में रहा करते थे. कमर पति के साथ उनकी कुछ पेंटिंग लेकर दिल्ली पहुंची थी जहां उनकी मुलाक़ात नरेंद्र भाई से हुई. जब उन्होंने पेंटिंग देखीं तो उन्हें ये बड़ी पसंद आई .पाकिस्तान के कराची शहर में अपना बचपन बिताने और वहीं तालीम हासिल करने वाली क़मर शेख़ के अनुसार दोनों मुल्कों की अवाम एक जैसी है. दोनों तरफ के लोग बेहद प्यारे हैं और एक दूसरे से मोहब्बत करते हैं.दोनो देशों के लोग अमन और शांति चाहते हैं .वो कहती हैं, “मैं पाकिस्तान में भी रही हूं और भारत में भी रही हूं और मैंने दोनों तरफ के लोगों को देखा है. अगर आप कभी पाकिस्तान जाकर लोगों से मिलें तो आपको पता चलेगा कि वो ख़ुशामद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. यहां भी ऐसा ही माहौल है.”
कमर शेख कहती हैं, “वो साल 1998 था जब वाजपेयी जी ने परमाणु परीक्षण किया था तो नरेंद्र भाई ने मेरे पति की पेंटिंग को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिखाया. उन्होंने वाजपेयी जी को पेंटिंग देते हुए कहा – ‘ये पेंटिंग हिंदुस्तान के बेटे और पाकिस्तान की बेटी ने बनाई है.’ वाजपेयी को वह पेंटिंग काफ़ी पसंद आई.”मोहसिन शेख़ इस घटना के बारे में बताते हुए दावा करते हैं, “मैंने अपनी पेंटिंग के साथ एक कविता भी लिखी थी और मैंने जब वह पढ़कर उन्हें सुनाई तो वाजपेयी जी की आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा कि पोखरण को लेकर उनके मन में जो भावना थी वह इस कविता और चित्र के रूप में सामने आई है.”संस्मरण सुनाती कमर याद करते हुए भावुक हो अपनी उस कविता के बारे में याद करती है जिसे सुन अटल जी की आंखें भर आई थी ,कविता पोखरण परमाणू परिक्षण के बाद शेख के द्वारा लिखी गई थी .