विपक्षी एकता का एक लिटमस टेस्ट,फ़िलहाल विरोधी पस्त,मोदी मस्त
सदन में टी डी पी द्वारा लाये गए अविश्वाश प्रस्ताव में विपक्ष पूरी तरह असफल साबित हुयी है और सत्ता पक्ष का जो दावा था उसमे वो कामयाब रहे।शुक्रवार के फैसले के बाद अब 2019 में होनेवाले लोक सभा चुनाव तक अब मोदी की सरकार चैन से राज कर सकती है।आज के अविश्वाश प्रस्र्ताव के बाद यह भी तय हो गया कि विपक्ष बिना खास तैयारी के आत्मघाती कदम उठाकर मोदी की सरकार को छाती दिखने का मौका दे दिया है।
टी डी पी के द्वारा लाये गए अविश्वाश प्रस्ताव में मुख्य भूमिका कांग्रेस की ही रही और सोनियां गाँधी का नम्बर का दावा एक बार बुरी तरह से फेल रहा। सोनियां ने कहा था कि उसके पास जरूरी आंकड़ा उपलब्ध है लेकिन ऐसा हो ना सका।
दूसरी तरफ लगता है टी डी पी कांग्रेस की जाल में फस गयी लग रही थी। दरअसल विपक्ष ने जो कुछ सोच रखा था हो नहीं सका ,एक सम्मानजनक टक्कर भी नहीं दे पाया। विपक्ष को भरोसा था कि बी जे डी और शिव सेना उनका साथ देगी लेकिन दोनों ने सदन से वहिष्कार कर एन डी ए को सुकून में ला दिया।
बहस के बाद वोटिंग में अविश्वाश प्रस्ताव के पक्ष में 126 और विरोध में 325 मत पड़े। इस तरह से नरेंद्र मोदी की सर्कार ने दो तिहाई बहुमत हासिल कर ये जाता दिया कि फिलहाल सिकंदर वही हैं और ये भी दावा कर बैठे कि 2019 भी उन्ही का होगा। भाषण के अंत में नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को ये भी निमंत्रण दे डाला कि एक बार फिर 2024 में विपक्ष अविश्वाश प्रस्ताव को लेकर आ सकता है। फ़िलहाल अगली लड़ाई का आगाज तो हो चुका ,देश चुनावी मोड में आ चुका है ,देखना ये है कि चुनाव आते आते एकता का दावा करने वालों का घर कितना मजबूत होता है और किनका घर टूट कर कमजोर होता है ?