7 साल का प्रद्युम्न अब इस दुनिया में नहीं है। कुछ दरिंदों ने मिलकर उस मासूम को बेरहमी से मार डाला। अपने जिगर के टुकड़े को अच्छा भविष्य देने के लिए मां-बाप ने बड़े स्कूल में दाखिया करवाया। मोटी फीस भरी। स्कूलों के नखरे सहे, लेकिन उन्हें बदले में मिला ऐसा दर्द जो अब उनकी जिंदगी का सच बन गया है। मां का आंचल सूना कर देने वाले रेयान इंटरनेशनल स्कूल ने देश के भविष्य को मार डाला। मां का प्रद्युम्न होनदार था, एक्टिव था। पढ़ाई हो या स्पोर्टस हर जगह नंबर 1, लेकिन शिक्षा का व्यापार करने वालों ने उसे उगने से पहले की कुचल डाला। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। खाना-पानी गले से नीचे नहीं उतर रहा। पिता पुलिस अधिकारियों और कोर्ट के चक्कर काट रहा है। मां बेटे की तस्वीर और उस आखिरी चिट्ठी को अपने सीने से चिपकाए बैठी है। उसके आंसू सूख गए है। बस उसकी अंतिम इच्छा यही है कि उसके जिगर के टुकड़े को मौत की नींद सुलाने वाले को पर्दाफाश हो जाए। 7 साल के प्रद्युम्न ने मदर्स दे पर अपनी मां के लिए जो चिट्ठी लिखी उसे पढ़कर किसी का भी कलेजा हाथ में आ जाए। मासूम प्रद्युम्न नहीं जानता था कि ये उसकी आखिरी चिट्ठी होगी। अगले मदर्स डे से वो अपनी मां के साथ नहीं होगा। प्रद्युम्न ने लिखा था ‘आज में अपनी मां के बारे में बोलूंगा. मां तुम कितना काम करती हो लेकिन जब तुम्हारा काम खत्म हो जाता है तो ट्यूशन के बाद तुम बहुत परेशान हो जाती होगी। जब तुम मुझे डांटती हो तो मुझे ऐसा लगता है तुम मुझे प्यार कर रही हो। तुम्हारी डांट में भी प्यार छलकता है मां…