नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक के बाद एक बड़े फैसले लिए। नोटबंदी से लेकर जीएसटी का फैसला सरकार के लिए कितना कारगर साबित हुआ उसके बारे में कहना मुश्किल है,लेकिन इन फैसलों से विरोध के साथ-साथ अपने करीबी भी नाखुश दिखे। पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने भी सरकार के फैसलों पर उंगली उठाई। एक इंटरव्यू के दौरान यशवंत सिन्हा ने देश की अर्थव्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में वित्त मंत्री ने जो गड़बड़ कर रखी है, अगर उसे लेकर मैं अब नहीं बोलूंगा तो इसका मतलब ये होगा कि मैं देश के प्रति अपनी ड्यूटी में फेल हो गया हूं।
इंटरव्यू के दौरान सरकार के फैसलों पर खुलकर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं जो भी बोलूंगा उसका बीजेपी समर्थकों की भावनाओं पर असर पड़ेगा। उन्होंने वित्तमंत्री अरुण जेटली के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें इस सरकार में सबसे बेहतर माना जाता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले ही ये तय हो चुका था अगर मोदी सरकार बनती है तो उसमें जेटली ही वित्त मंत्री होंगे, इसलिए चुनावी हार भी उनकी नियुक्ति में बाधा नहीं बनी। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम काफी नीचे हैं, लेकिन फिर भी सरकार उसका फायदा नहीं उठा सकी। उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भी मोदी सरकार और वित्त मंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज प्राइवेट निवेश इतना कम हो चुका है, जितना पिछले 20 सालों में नहीं हुआ। नोटबंदी आर्थिक आपदा रही तो साबित हुई, तो वहीं जीएसटी को बेहद खराब ढंग से लागू किया गया। इसकी वजह से लोगों का बिजनेस डूब गया। लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था में अनियंत्रित गिरावट है और कभी भी क्रैश हो सकती है।