राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने आज एक बार फिर कहा हिदुस्तान में रहने वाला हर इंसान हिंदू है। हिंदू महासम्मेलन में शामिल होने के लिए मोहन भागवत बुधवार को बैतूल पहुंचे थे। वहां अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि जैसे अमेरिका में रहने वाला अमेरिकी, जर्मनी में रहने वाला जर्मन है ठीक वैसे हिंदुस्तान में रहने वाला हिंदू है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, “हिंदुस्तान में रहने वाला मुसलमान इबादत से भले ही इस्लामिक हो, लेकिन आत्मा से वो हिंदू है।”
इबादत खुदा की मगर आरती में क्या हर्ज
दरअसल, एक दिन पहले सम्मेलन स्थल पर दीये जलाए गए थे। इसमें राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के लोग भी शामिल हुए थे। भागवत उसी संदर्भ में बोल रहे थे और कहा कि भारतीय मंच पर मुस्लिम भारत माता की आरती करेगा ही। वह इबादत भले ही खुदा की करे, मगर आरती करने में क्या हर्ज है। मोहन भागवत ने कहा कि जात-पात के भेद मिटाकर हिंदू समाज को एकजुट होना होगा। दुनिया भारत को विश्व गुरु कहती है, लेकिन यदि भारत को विश्व गुरु बनना है तो हिंदुओं को एकजुट होना होगा।”
कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया
मोहन भागवत के इस बयान के बाद कांग्रेस और दूसरी विपक्षी दलों ने अपना विरोध जता दिया है और कहा कि संघ एक बार सांप्रदायिकता फैलाने वाली राजनीति कर रहा है।साथ ही भागवत की बैतूल जेल विजिट पर कांग्रेस ने एतराज जताया है।कांग्रेस का कहना है कि संघ प्रमुख किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं, इसलिए उन्हें जेल के भीतर किसी प्रोग्राम के लिए एंट्री देना जेल मैन्युअल का वॉयलेशन है।
बैतूल जेल भी गए
दरअसल बैतूल पहुंचने पर सबसे पहले भागवत जेल पहुंचे और दूसरे सर संघ चालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर को श्रद्धासुमन अर्पित किए। महात्मा गांधी की हत्या के बाद गोलवलकर को इसी जेल में रखा गया था। महात्मा गांधी की हत्या के बाद नेहरु सरकार ने संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था और अप्रैल 1949 में इसी बैरक में गुरु गोलवलकर को 3 महीने के लिए रखा गया था। गोलवलकर 13 जुलाई 1949 को रिहा हुए थे। बैरक क्रमांक 1 में उनकी तस्वीर भी लगी है।