नोटबंदी के बाद देश का यह पहला बजट है जो अब से कुछ ही घंटों के बाद पेश होने वाला है। नोटबंदी के बाद जिस तरीके से कालाधन बाहर आने की उम्मीद लगाई गई थी वैसा कुछ अभी तक देखने को नहीं मिला है। फिर भी देश की जनता ने अभी तक नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का साथ दिया है क्यूंकि जनता इस आसरे में बैठी है कि आने वाले दिनों में देश में भ्रष्टाचार कम होगा तो आने वाली पीढ़ी को उसका लाभ मिलेगा। नोटबंदी से उठा हंगामा धीरे धीरे कम होने लगा है और इसी बीच वो वक्त आ गया है जब वित्त मंत्री देश के सामने अब नई रूपरेखा रखेंगे।
1924 से आम बजट फरवरी की आखिरी तारीख को पेश होता आ रहा है। इस बार ऐसा पहली बार होगा जब बजट फरवरी की पहली तारीख को पेश होगा।ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सालाना खर्च से जुड़े प्लान और प्रपोजल्स को अगला फाइनेंशियल ईयर शुरू होने से काफी पहले संसद की मंजूरी मिल सके। 2000 तक आम बजट शाम 5 बजे पेश होता था। लेकिन वाजपेयी सरकार के वक्त 2001 में यशवंत सिन्हा ने यह ट्रेंड बदला और बजट 11 बजे पेश होने लगा। मीडिया सरकार को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वित्त मंत्री जो बड़े और महत्वपूर्ण ऐलान करने वाले हैं वो कुछ इस तरीके के होंगे।
1) 50 हजार रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर लग सकता है टैक्स
बजट में जेटली बैंक कैश ट्रांजैक्शन टैक्स का एलान कर सकते हैं। इसके तहत 50 हजार रुपए से ज्यादा के बचत खाते से विदड्रॉअल या कैश ट्रांजैक्शन पर यह 1 से 2% टैक्स लगाए जाने की पूरी संभावना है। ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग कैश में लेनदेन से बचें और डिजिटल पेमेंट का मोड अपनाएं।साथ ही खबर है कि सरकार 5 या 10 लाख रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर बैन भी लगा सकती है।
बजट में जेटली बैंक कैश ट्रांजैक्शन टैक्स का एलान कर सकते हैं। इसके तहत 50 हजार रुपए से ज्यादा के बचत खाते से विदड्रॉअल या कैश ट्रांजैक्शन पर यह 1 से 2% टैक्स लगाए जाने की पूरी संभावना है। ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग कैश में लेनदेन से बचें और डिजिटल पेमेंट का मोड अपनाएं।साथ ही खबर है कि सरकार 5 या 10 लाख रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर बैन भी लगा सकती है।
2) रेल रियायत के लिए आधार जरुरी होगा,
आम बजट के साथ पहली बार पेश हो रहे रेल बजट में जो महत्वपूर्ण फैसला होने वाला है उसमें यह तय किया गया है कि रेल किराया नहीं बढ़ाया जाएगा लेकिन साथ ही रेल सफर पर छूट या रियायतों के लिए आधार नंबर को जरूरी माना जाएगा। रेलवे में करीब 50 कैटेगरी में टिकट में छूट मिलती है। इनमें सीनियर सिटीजन, स्टूडेंट्स, रिसर्च स्कॉलर, टीचर्स, डॉक्टर्स, नर्स, मरीज, खिलाड़ी, बेरोजगार युवा और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित खिलाड़ी तक शामिल हैं।
3) रेलवे में सेफ्टी पर रहेगा जोर, नए ट्रेनों के एलान नहीं होंगे
बढ़ते रेल हादसों के मद्देनजर आम बजट में रेलवे में सेफ्टी बढ़ाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के फंड का एलान हो सकता है। नई ट्रेनों का एलान होने की भी गुंजाइश कम है। रेल मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद से ही सुरेश प्रभु बीच बीच में नई ट्रेनों की घोषणाएं भी करते रहते हैं और किराए में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी भी। आगे भी प्रभु अपनी यही रणनीति कायम रखेंगे।
बढ़ते रेल हादसों के मद्देनजर आम बजट में रेलवे में सेफ्टी बढ़ाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के फंड का एलान हो सकता है। नई ट्रेनों का एलान होने की भी गुंजाइश कम है। रेल मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद से ही सुरेश प्रभु बीच बीच में नई ट्रेनों की घोषणाएं भी करते रहते हैं और किराए में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी भी। आगे भी प्रभु अपनी यही रणनीति कायम रखेंगे।
4) 3% तक बढ़ जाएगा सर्विस टैक्स
वित्त मंत्री अरुण जेेटली बजट में सर्विस टैक्स को मौजूदा 15% से बढ़ाकर 16-18% तक करने का ऐलान करेंगे। GST को 1 जुलाई से लागू करने के मद्देनजर टैक्स में यह बढ़ोतरी की जा रही है। नए बजट के पेश होेने के बाद बाद रेस्त्रां में खाने का बिल, फोन बिल, हवाई सफर समेत तमाम सेवाएं महंगी हो जाएंगी। और यह चौथा अवसर होगा जब अरुण जेटली सर्विस टैक्स बढाएँगे।
5) कॉर्पोरेट टैक्स में 2% की कमी आ सकती है
काॅर्पोरेट टैक्स में दो फीसदी की कमी की जा सकती है। इससे मौजूदा दर 30% से घटकर 28% रह सकती है। सरकार का टारगेट 2018-19 तक काॅर्पोरेट टैक्स को 25 फीसदी पर लाने का है।
काॅर्पोरेट टैक्स में दो फीसदी की कमी की जा सकती है। इससे मौजूदा दर 30% से घटकर 28% रह सकती है। सरकार का टारगेट 2018-19 तक काॅर्पोरेट टैक्स को 25 फीसदी पर लाने का है।
6). डिफेंस बजट में होगा इजाफा
अनुमान है इस बार डिफेंस बजट में 10% तक इजाफा हो सकता है। पिछली बार डिफेंस बजट 3.40 लाख करोड़ रुपए था। डिफेंस पर खर्च करने के मामले में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर है। भारत डिफेंस पर पाकिस्तान से छह गुना ज्यादा और चीन से तीन गुना कम खर्च करता है।
7) चीनी हो सकती है सस्ती
सरकार देश में किसी भी मिल में बनने वाली चीनी पर एक्साइज ड्यूटी के रूप में प्रति क्विंटल 124 रुपए सेस वसूलती है। सेस से मिलने वाली रकम से शुगर डेवलपमेंट फंड बनाया गया है। बजट पर अगर यह सेस वापस लिया जाता है तो चीनी 1.24 रुपए प्रति किलो सस्ती हो सकती है। थोक बाजार में चीनी अभी 40 रुपए प्रति किलो के आसपास बिक रही है।