नई दिल्ली। आखिरकार कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को राजनीतिक रूप से लांच कर ही दिया। बताया जाता है कि यूपी चुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को अंजाम तक पहुंचाने में प्रियंका का अहम रोल रहा है। उन्होंने यूपी सीएम अखिलेश यादव से बात की इसके बाद कल यानी रविवार सुबह अखिलेश ने प्रियंका को फोन कर अंतिम मुहर लगा दी।
प्रियंका ने जिस तरह से यूपी में कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने के लिए बैकरूम से काम किया और अखिलेश के साथ उनका तालमेल बना उससे यही कयास लगाया जा रहा है कि बहुत जल्द वह केंद्र की राजनीति में भी भाई राहुल गांधी के साथ सक्रिय भूमिका में दिखेंगी। अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि 2019 के चुनाव में वो भी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं।
इसका सीधा प्रमाण दिया कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के ट्वीट से। उन्होंने कहा कि ये बताया जा रहा था कि सपा के साथ गठब्ंधन अंजाम तक नहीं पहुंच पा रहा क्योंकि कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता इस प्रयास में नहीं दिख रहे। ये गलत था। कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद और प्रियंका गांधी ने खुद इस दिशा में अथक प्रयास किया। उन्होंने प्रियंका को गठबंधन की सफलता के लिए धन्यवाद भी दिया।
गौरतलब हो कि सपा और कांग्रेस के बीच यूपी चुनाव को लेकर गठबंधन हो गया है। इस बात पर अंतिम सहमति बनी है कि कांग्रेस 105 सीटों पर और बाकी सीटों पर सपा चुनाव लड़ेगी। सभी विधानसभा सीटों के लिए दोनों पार्टियों के दिग्गत मिलकर चुनाव प्रचार भी करने उतरेंगे। सूत्रों के अनुसार गठबंधन के लिए सीटों के निर्धारण का फारमूला कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात में तय हुआ। प्रशांत किशोर को खुद प्रियंका गांधी ने बातचीत के लिए भेजा था।