नई दिल्ली। यूपी चुनाव में किस पार्टी की क्या रणनीति रहेगी और क्या सियासी दांव रहेगा इस पर सभी की नजरें लगी हैं। अभी तक के चुनाव प्रचार के तरीकों से ये स्पष्ट हो गया है कि भाजपा दोहरी चाल चलेगी। बड़े नेता जहां बड़ी—बड़ी रैलियां करेंगे वहीं छोटे कार्यकर्ता बूथ स्तर पर जोर लगाएंगे। ये बात पीएम नरेंद्र मोदी की शनिवार को लखनउ में हुई बैठक और उसके बाद मीडिया को दी गई जानकारी से स्पष्ट भी हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे सरकार का दूत बनें और सरकार द्वारा गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाओं को फरवरी-मार्च में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जन-जन तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि बूथ स्तर पर कार्यकर्ता जितना सक्रिय होंगे चुनाव में उतने ही अच्छे परिणाम आएंगे।
मोदी के इस बैठक और संबोधन की जानकारी देते हुए कानून, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि भाजपा गरीबों और वंचित तबकों को वोट बैंक की तरह नहीं देखती, क्योंकि पार्टी ‘गरीबों की सेवा को ईश्वर की सेवा’ समझती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भाजपा के लिए गरीब चुनाव जिताने के लिए नहीं हैं और न ही उन्हें वोट बैंक के चश्मे से देखती है। वह खुद एक गरीब परिवार से आते हैं और उन्होंने गरीबी देखी है, इसलिए उनकी सरकार गरीबों तथा वंचित तबकों के लिए काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है।