पठानकोट एयरबेस पर हमले के लिए आतंकवादियों ने इस हमले का कोड ‘निकाह’ रखा था। पठानकोट आए हमलावरों को ‘बाराती’ का नाम दिया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इसकी जानकारी दी। सोमवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और तीन अन्य आतंकवादियों के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दाखिल की है। जनवरी 2016 में पठानकोट के एयरबेस पर हुए हमले की साजिश रचने के लिए इन चारों पर आरोप लगाए गए हैं।
NIA की ओर से पाकिस्तान को कई बार इस चार्जशीट पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया था, लेकिन पाकिस्तान की ओर से कोई जवाब नहीं आया। हमले के दौरान लगातार काशिफ जान और उसके सहयोगियों के बीच फेसबुक पर चैटिंग हो रही थी और भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद वे एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे। NIA के पास इस बातचीत का पूरा ब्योरा है। इसमें इकबाल नाम के एक शख्स ने लिखा, ‘क्या कैफियत है, क्या नजारे हैं। बहुत ही उम्दा।’
एक अन्य फैसबुक चैट में मोहम्मज जिया ने काशिफ से पठानकोट के हालात के बारे में पूछा। इसपर काशिफ का जवाब था, ‘नजारे खत्म हुए, बाराती घर गए।’ NIA ने आरोप लगाया है कि आतंकवादी चाहते थे कि भारत सरकार को यह पता चले कि हमले के पीछे जैश-ए-मुहम्मद का हाथ है। आतंकवादी अपने साथ हाथ से लिखे हुए नोट्स लाए थे। इनमें से एक अंग्रेजी में था और दूसरा उर्दू में था। इसमें हमले के मकसद का खुलासा किया गया था। इस नोट में लिखा था, ‘जैश-ए-मोहम्मद जिंदाबाद। तंगधार से लेकर सांबा, कठुआ, राजबाग और दिल्ली तक अफजल गुरु शहीद के जान निसार तुमको मिलते रहें। अल्लाह AGS 25-12-15’
यह चार्जशीट पंचकुला की एक अदालत में दाखिल की गई। बताया गया है कि जैश के जो आतंकवादी पठानकोट हमले को अंजाम देने आए थे, उन्हें पाकिस्तान में बैठे उनके सरगना नियंत्रित कर रहे थे। काशिफ जान टीवी चैनल्स पर पठानकोट हमले से जुड़ी खबरें देख रहा था और हमले से जुड़े अलग-अलग लोगों के साथ लगातार चैट भी कर रहा था।