नई दिल्ली। चेक देकर लेनदार को टकराने वाले जरा होशियार। सरकार जल्द ही इसे गैरजमानतीय अपराध की श्रेणी में लाने जा रही है। अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार इसके लिए सरकार आगामी बजट सत्र में कानून में संशोधन भी करेगी। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और कैशलेस अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार चेक सिस्टम को बढ़ावा दे रही है।
चेक बाउंस के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए ही सरकार कानून में बदलाव करने जा रही है। इसके तहत अगर कोई चेक बाउंस का मामला आता है और 30 दिन के अंदर दोनों ही पक्ष कोर्ट में सही जानकारी देने में असमर्थ होते हैं तो ऐसे मामले में डिफाल्टर को सख्त सजा दी जाएगी।
सरकार के सूत्रों के हवाले से अखबार ने खबर दी है कि नए कानून में चेक बाउंस के मामले में दो साल जेल या अर्थ दंड या दोनों की सजा का प्रावधान किया जाएगा। वर्तमान कानून में ये जमानतीय अपराध है। इसके तहत जबतक मामला कोर्ट में लंबित है आरोपी जेल से बाहर रह सकता है।