दिल्ली से बीजेपी सांसद और अभिनेता-गायक मनोज तिवारी को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मनोज तिवारी दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बनाए गए हैं। दिल्ली में पार्टी की हार के बाद से सतीश उपाध्याय को पद से हटाए जाने की अटकलें तेज हो गई थी। पार्टी दिल्ली में पूर्वांचल के वोटबैंक को ध्यान में रखते हुए मनोज तिवारी के नाम पर विचार कर रही थी।
मनोज तिवारी दिल्ली की नॉर्थ-ईस्ट सीट से सांसद हैं और पूर्वांचलियों के बीच खासे लोकप्रिय भी हैं। पार्टी के स्टार प्रचारक हैं और तमाम प्रदेशों में चुनाव और उपचुनाव में पार्टी का जमकर प्रचार करते हैं। दिल्ली के साथ मनोज तिवारी पूरे बिहार और उत्तर प्रदेश में सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक हैं। दिल्ली में पूर्वांचली वोटर काफी संख्या में हैं। इन्हीं समीकरणों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी आलाकमान ने मनोज तिवारी के नाम पर मुहर लगाई है। एमसीडी उपचुनाव के नतीजों में भी बीजेपी का वोटिंग पर्सेंटेज बढ़ने के बावजूद सीट नहीं बढ़ने के बाद से ही राज्य इकाई में बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई थी।
तकरीबन ६ महीने पहले मनोज तिवारी के नाम पर मुहर लग गई थी लेकिन दिल्ली के कुछ सीनियर लीडर्स का विरोध शुरु हो गया जिसकी वजह से कुछ वक्त के लिए मनोज तिवारी का नाम रोक दिया गया था। अभी तक दिल्ली की राजनीति में पंजाबी समुदाय का वर्चस्व माना जाता था, बाद में वैश्य समुदाय का वर्चस्व बढ़ा। लेकिन अब मौजूदा हालात में पूर्वांचलियों का बोलबाला हो रहा है। इसलिए बीजेपी मनोज तिवारी को दिल्ली की कमान देकर यहां पार्टी में नई जान फूंकने की कोशिश में है।
मनोज तिवारी पहले ऐसे स्टार हैं जिन्हें भारतीय जनता पार्टी ने किसी प्रदेश की कमान सौंपी है। आम तौर पर स्टार सांसद मंत्री तो बन जाते हैं लेकिन प्रदेश की जिम्मेदारी संभालने से कतराते हैं और पार्टी भी उनपर राजनेताओँ की तरह भरोसा नहीं करती। लेकिन बीजेपी ने मनोज तिवारी पर भरोसा किया है और भरोसा करने के पीछे निश्चित तौर पर उनकी मेहनत का आकलन हुआ होगा। तभी तो एक साल से दिल्ली के गलियारों में मनोज तिवारी का नाम चर्चा में था और आखिरकार पार्टी ने उसपर मुहर लगा दी।