नोटबंदी के बाद आज विपक्ष का बुलाया गया बंद जहां खटाई में पड़ता दिख रहा है वहीं प्रमुख विपक्षी राजनीतिक पार्टियों में भी फूट दिखने लगी है। बिहार में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए महागठबंधन बना चुकी तीनों पार्टियों में सरकार के नोटबंदी के मुद्दे पर अलग अलग राय देखने को िमल ही चुकी है । अब उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी के अंदरखाने भी नोटबंदी पर अलग अलग सुर हैँ। समाजवादी पार्टी के पारिवारिक कलह के बाद हाशिए पर धकेले गए राज्यसभा सांसद और एक वक्त के पार्टी में कद्दावर नेता रहे अमर िसंह ने रविवार रात को साफ कहा कि अगर पार्टी ने नोटबंदी के खिलाफ राज्यसभा के लिए व्हिप जारी किया तो मैं राज्यसभा से इस्तीफा देना बेहतर समझूंगा।
नोटबंदी के बाद सभी विपक्षी पार्टियां सरकार की अधूरी तैयारियों के बहाने सरकारको घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। लेकिन लगभगर सभी िवपक्षी पार्टियों के नेता अगलग अलग सुर में तान छेड़ रहे हैं। दो दिन पहले ही समाजवादी नेता अमर सिंह ने एक वीडियो संदेश प्रसारित करके कहा था कि वो नोटबंदी पर नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार का समर्थन करते हैं। आज अमर सिंह ने यह बात फिर दोहराई औऱ साथ ही कहा कि राजनीति अपनी जगह है औऱ देश हित अलग मुद्दा है। देशहित से समझौता नही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उनपर पार्टी की तरफ से किसी भी किस्म का ऐसा दबाव आया जिससे लगेगा कि हमें नोटबंदी का विरोध करना ही है तो मैं राज्यसभा में अपने पद से इस्तीफा देना बेहतर समझूंगा।