नई दिल्ली। घर में कोई मेहमान आया हो या फिर कहीं बाहर ट्रिप का प्लान बना हो कोल्ड ड्रिंक की फरमाइश सबसे पहले हो जाती है। बच्चे हो या घर के बुजुर्ग कोल्ड ड्रिंक सबकी पसंद बन गई है, लेकिन आज जो सच हम आपको बताने जा रहे हैं, यकीन मानिए उसे जानने के बाद आप ठंडे की इन बोतलों को हाथ लगाने से पहले सौ बार सोचेंगे।
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ठंडे की बोतलें आपकी जिंदगी को खत्म कर रही हैं। पेप्सी और कोक की प्लास्टिक बोतलों में पांच जानलेवा तत्व मिले हैं, जिनमें भारी तत्व, लेड, क्रोमियम, कैडमियम और डाई पैथलेट शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ये जानलेवा तत्व कमरे के तापमान पर भी प्लास्टिक की बोतलों से पिघलकर कोल्ड ड्रिंक्स में मिल जाते हैं।
भारत सरकार द्वारा कराए गए इस अध्ययन के मुताबिक पेप्पी, कोका कोला, माउंटेन ड्यू, स्प्राइट और 7अप की बोतलें आपके लिए जानलेवा हैं।
दवाओं की बोतल में भी मिले खतरनाक तत्व
भारत सरकार द्वारा कराई गई जांच के बाद सामने आई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जिन दवाओं को प्लास्टिक की बोतलों में पैक किया जाता हैं उनमें भी ये खतरनाक तत्व पाये गए है। यानी बच्चों के लिए आने वाली लगभग सभी दवाओं में इन खतरनाक तत्वों के मिल जाने का खतरा जताया गया है।
कमरे का तापमान बढ़ाता है सॉफ्ट ड्रिंक्स में जहर
इस रिपोर्ट के मुताबिक जैसे जैसे कमरे का तापमान बढ़ता जाता है, वैसे वैसे प्लास्टिक बोतलों से ये पांच विषैले तत्व कोल्ड ड्रिंक्स में और मिलते जाते हैं। 40 डिग्री सेल्सियस पर ही इनको 10 दिन के लिए रखा गया। इस दौरान अकेले लेड की मात्रा 0.006 mg/L से बढ़कर 0.009 mg/L हो गई थी।
पेप्सिको कंपनी ने क्या कहा
पेप्सिको इंडिया के इंडिया प्रवक्ता ने रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमें न ही इस तरह की कोई जानकारी दी गई है और न ही किसी टेस्ट की रिपेार्ट दी गई है। बिना टेस्ट के तरीके को जाने हम किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हमारे उत्पाद तय मानकों के अनुरूप और सुरक्षित हैं।
बीमारियों का घर
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बच्चों पर लेड का सबसे बुरा प्रभाव पड़ता है। लेड सीधे बच्चों के दिमाग, सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर डालता है। इससे बच्चे कोमा तक में जा सकते हैं। इसके अलावा लगातार ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल करने वाले बच्चों के व्यवहार में भी परिवर्तन देखा जाता है।