देश भर में बैंकों के डेबिट कार्ड पासवर्ड चोरी होने के अंदेशे में कोहराम मचा हुआ है। जब से यह रिपोर्ट आई है कि देश भर के तकरबीन 32 लाख डेबिट कार्ड्स के पासवर्ड्स चोरी हो गए हैं यूजर्स परेशान हैं। कई सारे मामले सार्वजनिक भी होने लगे हैं जिससे यह पता चल रहा है कि विदेशों में उनके एकाउंट से पैसे निकाले गए। लेकिन चिंता की बात यह है कि सुरक्षा एजेंसियां काफी लंबे समय से इस सिलसिले में चेतावनी दे रही थी।
देश पर होने वाले साइबर हमलों पर नजर रखने वाली भारत सरकार की सर्वोच्च निगरानी एजेंसी कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम-इंडिया (CERT-In) ने भी ऐसी कई चेतावनियां जारी की थीं। यह एजेंसी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को वक्त-वक्त पर संभावित साइबर खतरों के बारे में अडवाइजरी जारी करती है।
पाकिस्तान से होने वाले साइबर हमले के बारे में आगाह किया था
CERT-In ने इस साल जुलाई और अगस्त में भी चेतावनियां जारी की थीं। इसी क्रम में सबसे ताजा अलर्ट इस साल 7 अक्टूबर को दी गई। वॉर्निंग दी गई कि पाकिस्तान की तरफ से बैंकों के नेटवर्क पर ‘साइबर हमला’ हो सकता है। यह अलर्ट जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों के बाद सीमा पर भारत के जवाबी हमले के मद्देनजर जारी की गई। इस अडवाइजरी के जारी होने से एक महीने पहले सितंबर की शुरुआत में ही बैकों को साइबर सुरक्षा में सेंध से जुड़ी शिकायतें मिलने लगी थीं। वहीं, सीमा पर भारत के जवाबी हमले के बाद पाकिस्तानी हैकर्स द्वारा विभिन्न भारतीय वेबसाइट्स को निशाना बनाया गया। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसे 7 हजार हमले पाकिस्तानी हैकर्स ने अंजाम दिए।
अब तक क्या आया है सामने
मैलवेयर इन्फेक्शन की वजह से बैकों की साइबर सुरक्षा में लगी सेंध के कारण करीब 32 लाख डेबिट कार्ड्स के पासवर्ड के खतरे में पड़ने की बात सामने आई है। हालांकि, नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक, पूरी दुनिया में सिर्फ 1.3 करोड़ रुपए की अवैध धन निकासी हुई है। सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों और पेमेंट गेटवे कंपनियों को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है। हालांकि, माना जा रहा है कि अगर जारी अलर्ट को लेकर त्वरित और ठोस कार्रवाई होती तो इस साइबर हमले को काफी हद तक बेअसर किया जा सकता था।