नई दिल्ली। 8 नवंबर को केंद्र सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया।सरकार के ऐलान के साथ ही देशभर में 500 और 1000 के नोट बंद हो गए। युद्धस्तर पर नए नोटों की छपाई का काम चलता रहा। नए नोट मार्केट में आ गए, लेकिन अब जो खुलासा हुआ है उनसे न केवल सरकार पर बल्कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पर सवाल खड़ा कर दिया है। खुद अपनी रिपोर्ट में रिर्जव बैंक ऑफ इंडिया फंसती नजर आ रही है।
संसदीय समिती के सामने आरबीआई द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक 13 जनवरी तक आरबीआई ने 9.1 लाख करोड़ नोट छापे थे, लेकिन लोगों ने इस पूरे समय में 600 अरब रुपए निकाले। यानी छपाई की गई नोटों से 60 हजार रुपए अधिक निकाले गए। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर ये 60 हजार करोड़ ने कोट आए कहां से।