भुवनेश्वर। रेल हादसों की तादात बढ़ती जा रही है। एक बार फिर से रेल का सफर कुछ लोगों के लिए जिंदगी का आखिरी सफर बन गया। आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के कुनेरू स्टेशन के पास हुए जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। रेल के 7 डिब्बे शनिवार देर रात पटरी से उतर गए।
हादसे ने 26 लोगों की जान ले ली। इस रेल हादसे में जहां 26 लोग मौत के मुंह में समा गए तो वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मुआवजे के ऐलान में देरी नहीं की। मृतकों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50000 रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया गया। लेकिन सवाल ये कि आखिर इन हादसों का जिम्मेदार कौन हैं? हाल के कुछ दिनों में ये चौथा रेल हादसा है।
- इससे पहले शुक्रवार देर रात काठगोदाम से जैसलमेर जा रहीं रानीखेत एक्सप्रेस 15014 के दस डिब्बे जैसलमेर स्टेशन के पास पटरी से उतर गए थे।
- उससे पहले 20 नवंबर को कानपुर के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस रेल हादसा हुआ था जिसमें 150 लोग मौत हो गई।
- 28 दिसंबर 2016 को फिर से कानपुर के पास ही सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें 28 लोग घायल हुए थे।
सवाल का सवाल रेल मंत्री और रेल मंत्रालय को देना है कि आखिर इन मौतों और इन हादसों का जिम्मेदार कौन हैं?