राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पैसे लेने का आरोप लगाया। राहुल ने नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा, सहारा ने २०१३-१४ में ६ महीने के अंदर मोदी को 9 बार पैसे दिए। सहारा के यहां रेड पड़ी और वहां से बरामद हुए रिकॉर्ड में इसका जिक्र था। इनकम टैक्स के अधिकारियों के दस्तखत से यह कागज सील हुआ। राहुल गांधी ने कहा कि एक तरफ देश की जनता को अपने ही पैसे निकालने के लिए बैंकों की कतार में खड़ा कर दिया और दूसरी ओर उन दस्तावेजों पर कोई कार्रवाई भी शुरु नहीं की जिसमें खुद के फंसे होने का सबूत है।
राहुल गांधी ने ये भी कहा, काला धन हिंदुस्तान के 1% लोगों के पास है। केवल 6 फीसदी काला धन कैश में है। 94 फीसदी ब्लैक मनी हीरे, सोने, जमीन के रूप में और विदेशों में है। जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है, वहां आदिवासियों की आवाज उठाने वाले को गोली मार दी जाती है।
हिंदुस्तान के किसानों ने सिर्फ तीन चीजें मोदी जी से मांगी थीं। हर रोज कोई ना किसान आत्महत्या करता है। हम जमीन अधिग्रहण बिल लाए। मोदी ने तीन बार उस बिल को ऑर्डिनेंस बिल को खत्म करने की कोशिश की। जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार हैं वहां आदिवासियों की आवाज उठाने वाले को गोली मार दी जाती है। आपने मजदूरों का मजाक उड़ाया। उन्हें गड्ढा खोदने वाला बताया। दलितों को गुजरात में मारा जाता है। पाटीदारों ने शांति से आंदोलन किया। और आपने उनकी महिलाओं बच्चों को मारा। आपकी सरकार ने उनको लाठी और गोलियों से मारा। ये मोदी सरकार की सच्चाई है। दिल्ली में भी आप चुने हुए 15 या 20 लोगों की सरकार चलाते हो।
राहुल के मुताबिक, “सहारा कंपनी पर रेड हुई और सहारा के रिकॉर्ड में जो लिखा है वो कुछ इस प्रकार है –
- 30 अक्टूबर 2013 ढाई करोड़ रुपए मोदी जी को दिया।
- 12 नवंबर 2103 को पांच करोड़,
- 27 नवंबर को ढाई करोड़,
- 29 नवंबर को भी ढाई करोड़।
- 6 दिसंबर को 5 करोड़,
- 19 दिसंबर पांच करोड़,
- 13 जनवरी दो करोड़,
- इसके साथ ही कुल नौ बार पैसे दिए गए। 6 महीने में 9 बार सहारा ने मोदी को पैसे दिए। और ये एक डायरी में लिखा है।”
“मोदी जी बताइए, इन पेपर्स पर आईटी के दस्तखत है। इन पर ढाई साल के दौरान जांच क्यों नहीं हुई? 9 बार ये पैसा दिया गया है। आपने पूरे देश को लाइन में रखा, पूरे देश की ईमानदारी पर सवाल उठाया। अगर ये सच है तो इसकी जांच कब होगी?”
गुजरात के मेहसाणा में राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वही आरोप दोहराए जिन्हें लेकर वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।