नई दिल्ली। सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ जब ये चर्चा शुरू होने लगी कि नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को लेकर राजनीतिक दलों को बड़ी छूट दी गई है, तो केंद्र सरकार ने ये स्पष्ट किया कि 500 या 1000 के पुराने नोटों से चंदा लेना किसी के लिए गैरकानूनी होगा। इसमें किसी तरह की छूट नहीं दी गई है। इसकी सफाई देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को बताया कि पुराने नोट लेने वाले दल कानून का उल्लंघन करेंगे। ऐसा करने वाला कोई भी दल कानून का उल्लंघन करेगा।
वित्त मंत्री ने साफ किया कि आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्शन 13A के तहत ही पार्टियों को छूट है जो कि पहले से जारी है। इसके तहत राजनीतिक दलों को अपने अकाउंट का ऑडिट, खर्च और आय की जानकारी और बैलेंस शीट जमा करानी होती हैं। इसके प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।जेटली ने ये भी कहा कि पार्टियों को 30 दिसंबर तक पुराने नोटों में रखी गई नकदी बैंक में ही जमा करानी होगी। हालांकि उन्हें आय का संतोषजनक उत्तर भी देना होगा। आयकर विभाग की पूछताछ से कोई भी बच नहीं सकता।
इनकम टैक्स कानून के तहत राजनीतिक दलों को चाहिए छूट तो देने होंगे दस्तावेज
इनकम टैक्स के तहत कानून के उन दलों को छूट मिलती है जो चुनाव आयोग में पंजीकृत होते हैं। वित्त मंत्रालय के मुताबिक इनकम टैक्स अधिनियम के सेक्शन 13ए के मुताबिक अगर इनकम टैक्स में इन पार्टियों को यह छूट चाहिए तो उन्हें अपने बैंक खातों का डिटेल और दस्तावेज देना होगा। इतना ही नहीं पार्टी को 20 हजार से अधिक चंदे का रिकॉर्ड रखना होता है। उन्हें चंदा देने वाले का नाम-पता का रिकॉर्ड रखना होगा और अकाउंट का ऑडिट करवाना होगा।