नई दिल्ली, 29 सितम्बर। भारतीय सेना ने वो कर दिखाया है, जिसका इंतज़ार देश की 125 करोड़ जनता पिछले 11 दिन से कर रही थी। सेना ने उरी कैम्प पर हुए आतंकवादी हमले का बदला ले लिया है। उसने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दो किलोमीटर भीतर तक घुसकर आतंकवादियों के सात कैम्पों को ध्वस्त कर दिया। इसमें 30 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं।
भारतीय सेना ने गुरुवार को कहा कि उसने नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों को निशाना बनाते हुए बुधवार देर रात ‘सर्जिकल अटैक’ किए, जिसमें आतंकवादियों तथा उन्हें समर्थन देने वालों को भारी नुकसान पहुंचा। सैन्य अभियान के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “भारत नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से आतंकवादियों को देश में घुसने और हमला करने की इजाजत नहीं दे सकता।”
उन्होंने कहा, “मैंने पाकिस्तान के डीजीएमओ से बात की और हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान सेना आतंकवाद को समाप्त करने के लिए हमारे साथ सहयोग करेगी। ये हमले विश्वसनीय सूचना के आधार पर किए गए।”
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं एवं मुख्यमंत्रियों को भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा के उस पार आतंकियों के ठिकानों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के बारे में जानकारी दी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री ने गुलाम नबी आजाद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी को भी इसकी जानकारी दी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी को भी इन हमलों से अवगत करा दिया गया है।
इधर, सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में यहां गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसे अन्य नेताओं के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संबोधित करेंगे। सूत्रों ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में उम्मीद है कि राजनाथ सिंह नेताओं को देश की आंतरिक सुरक्षा की स्थिति की जानकारी देंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता राजबब्बर ने संवाददाताओं से कहा, “हम सेना के साथ है क्योंकि वे स्थिति को अच्छी तरह से समझते हैं और सभी चुनौतियों का मुकाबला कर रहे हैं। हम सर्वदलीय बैठक के बाद बात करेंगे। जो सरकार द्वारा आज शाम 4 बजे बुलाई गई है।”
(IANS इनपुट्स के साथ)