सीवान। नोटबंदी के कारण एक गर्भवती महिला को इतनी पीड़ा का सामना करना पड़ा कि आखिरकार उसकी मौत हो गई। ये घटना बिहार के सीवान जिले की है। यहां मैरवा गांव में प्रसव पीड़ा के बाद इलाज कराने पहुंची महिला का एक डॉक्टर ने सिर्फ इसलिए इलाज नहीं किया क्योंकि उसके पास सौ-सौ के नोट नहीं थे। इलाज में हुई देरी से गर्भवती महिला की सोमवार की सुबह मौत हो गई।
मृतका गुठनी थाने के पीपरासी गांव के दीपक कुमार राम की पत्नी मनोरमा देवी थी। मृतका के पति ने सदर अस्पताल में बताया कि मैरवा रेफरल अस्पताल की लेडी डॉक्टर उषा कुमारी सिंह के प्राइवेट क्लिनिक में शुरू से उसका इलाज चल रहा था। रविवार रात प्रसव पीड़ा होने पर मनोरमा को डॉ.उषा के प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया।
यहां आॅपरेशन के लिए बारह हजार रुपए मांगे गए पर इलाज इसलिए शुरू नहीं किया गया क्योंकि नोट 50 या 100 के नहीं थे। फिर उसे मैरवा रेफरल अस्पताल भेज दिया गया। सुबह साढ़े सात बजे अस्पताल में ऑपरेशन किया गया तबतक काफी देर हो चुकी थी। इससे महिला की मौत हो गई।