बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के नेताओं से अपनी दोस्ती की बात एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि हम कभी यह साथ नहीं छोड़ेंगे. मोतिहारी में महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में नीतीश कुमार ने मंच से कहा कि वह जब तक जिंदा हैं, तब तक भाजपा नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी. खास बात यह कि इसी मंच पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व अन्य भाजपा नेताओं की उपस्थिति में उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार का आभार जताया और केंद्र की मनमोहन सिंह की सरकार को कोसा भी.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की अपनी मांग के बारे में चर्चा करते हुए मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को कोसते हुए कहा कि उसने तो मेरी बात ही नहीं सुनी थी. वो तो 2014 में जब नयी सरकार बनी तो मेरी बात मानी गई. नीतीश कुमार ने आगे कहा, केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2007 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने का ऐलान किया था. 2009 में मनमोहन सिंह केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पास किया. बिहार में भी एक यूनिवर्सिटी खोलने का फैसला लिया गया.
नीतीश ने आगे कहा, मैंने उसी समय केंद्र सरकार से मांग किया था कि इस यूनिवर्सिटी को मोतिहारी में खोला जाए. मोतिहारी ही वह जगह है जहां से महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत की थी. बापू ने यहां शिक्षा की अलख भी जगायी थी. नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने बार-बार तत्कालीन केंद्र सरकार को कहा कि मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोला जाए लेकिन वह राजी नहीं हुई.