मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में आज एक राष्ट्र, एक चुनाव: संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर आईसीएसएसआर द्वारा स्पॉन्सर्ड दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया गया।
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने की। मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री और स्थानीय सांसद श्री राधामोहन सिंह रहें। मुख्य वक्ता के रूप में पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेयर, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रो. मधुरेंद्र कुमार, विशिष्ट अतिथि बीएचयू से प्रो. सोनाली सिंह, पटना यूनिवर्सिटी से डॉ. गुरु प्रकाश, सीएसडीएस, दिल्ली से प्रो. संजय कुमार शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री राधामोहन सिंह जी ने गांधी जयंती की सभी को बधाई देते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है दुनिया के तमाम देशों में एक राष्ट्र एक चुनाव की परम्परा है । यह देश के प्रगति के लिए बहुत जरूरी है । चुनाव से कई लाभ हो सकते हैं देश के विकास के लिए एक देश एक चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। विशिष्ठ अतिथि डॉक्टर गुरु प्रकाश ने कुलपति प्रो० संजय श्रीवास्तव को बधाई देते हुए कहा कि माननीय कुलपति के मार्गदर्शन से एक देश एक चुनाव का सेमिनार आयोजन में उन्हें आकार अपने विचार को रखने का मौका मिला, उन्होंने कहा कि कोई भी चुनावी सुधार तभी संभव है जब हमारे अंदर आत्मबल की कमी ना हो। 1952-2023 तक के समय को उन्होंने तीन सत्र में विभाजित कर बताया कि 1952-1967 के दौर में स्थिरता थी वहीं 1967-1999 के दौर में समय पर चुनाव नहीं होने की वजह से सरकार बिखर गई तथा 1999 से अबतक सरकार द्वारा फिर से स्थिरता संभव हुई है।
बीएचयू की राजनीति विज्ञान विभाग की प्रो० सोनाली सिंह ने बापू की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि एक देश एक चुनाव का विचार अत्यंत दूरदर्शी सोच का परिणाम है अभी तक ये विचार सीमित था पर माननीय नरेन्द्र मोदी जी के प्रयास से अब ये नियम लागू होने जा है। इसमें सभी राजनीतिक पार्टियों की सहमति हो तो हमारा देश बहुत आगे बढ़ेगा। अगर ये लागू हो जाता है तो आजादी के बाद ये भारतवर्ष में बहुत बड़ा बदलाव लाएगा। उन्होंने बताया की नॉन कमिटेड वोटर्स उम्मीदवार की योग्यता को देखकर मतदान करते हैं, और यह जरूरी भी है इससे सभी उम्मीदवार अपने चारित्रिक व्यवहार पर भी ध्यान देंगे जिससे देश को सफलता मिलेगी। प्रो० मधुरेंद्र कुमार ने अपने संबोधन में भारत की चुनावी मुद्दों को सामने रखते हुए विविध समसामयिक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
विवि के माननीय कुलपति ने कहा कि एक देश एक चुनाव भारत को एक सूत्र में बांध के रखेगा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी दिक्कत भारत की पार्टी सिस्टम है। अगर चुनाव समय पर होने लगे तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश भी विकसित देश होगा। कुलपति ने देश के विविध राज्यों से आए सभी अतिथियों का अभिनंदन भी किया।
स्वागत उद्बोधन अधिष्ठाता प्रो. सुनील महावार ने दिया जबकि विषय प्रवर्तन डॉ. नरेंद्र आर्या ने किया। राजनीति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ ० सरिता तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के पीएचडी शोधार्थी आशुतोष ने किया।
इसके बाद आयोजित प्लेनरी सेशन में सीएसडीएस के प्रो. संजय कुमार, प्रो. मधुकर कुमार, प्रो. नरेन्द्र कुमार, प्रो. रिपुसूदन ने एक राष्ट्र -एक चुनाव के भविष्य की संभावनाओं एवं इसको लागू करने में होने वाली प्रायोगिक चुनौतियां पर प्रकाश डाला । प्रो संजय कुमार ने विश्व के विभिन्न देशों का उदाहरण देते हुए एक साथ चुनाव कराने एवं उससे देश के राजस्व में होने वाली बचत का जिक्र किया । इस सत्र में हुई परिचर्चा में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय श्रीवास्तव , प्रो सुनील महावर, डॉ. अमर बहादुर शुक्ला समेत अन्य शोध विद्वानों ने प्रश्न पुछे जिसका उत्तर प्लेनरी सेशन में शामिल अतिथियों ने दिया । इसके बाद आयोजित चार तकनीकी सत्रों में देश के विभिन्न राज्यों के 70 से अधिक शोधकर्ताओं ने अपने- अपने शोध पत्रों का वाचन किया ।
राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन विवि के राजनीति विज्ञान विभाग ने किया। संगोष्ठी संयोजक राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह रहें। संरक्षक के रूप में अधिष्ठाता प्रो. सुनील महावर, निदेशक, डॉ. सरिता तिवारी, आयोजन सचिव डॉ. नरेंद्र आर्या समेत विवि के सभी प्राध्यापक, अधिकारी, देश के 10 से ज्यादा राज्यों से आए शोधार्थी व कर्मचारी उपस्थित रहें।