रूस में गृहयुद्ध और तख्तापलट का खतरा टल गया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाली प्राइवेट आर्मी वैगनर के प्रमुख येवगेनी वी प्रिगोजिन ने अपने लड़ाकों को वापस लौटने का आदेश दिया है। अब यह प्राइवेट आर्मी अपने कैंपों की ओर लौट रही है। प्रिगोजिन भी रूस छोड़कर बेलारूस जाएंगे।
रूसी मीडिया RT के मुताबिक, ये प्राइवेट आर्मी रोस्तोव शहर पर कब्जे के बाद मॉस्को शहर की ओर बढ़ी थी।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, प्राइवेट आर्मी के पीछे हटने में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का अहम रोल रहा है। लुकाशेंको ने शनिवार देर रात कहा कि मैंने वैगनर प्रिगोजिन और रूस के बीच समझौता कराया है। इसके बाद वैगनर ग्रुप ने अपने सैनिकों को पीछे हटने को कहा है, ताकि खून खराबा रोका जा सके।
वैगनर ग्रुप क्यों कर रहा था विद्रोह
- रॉयटर्स के मुताबिक, रूस और प्राइवेट आर्मी वैगनर के बीच तल्खी यूक्रेन के बाखमुत में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल अटैक के बाद शुरू हुई। इस हमलें में कई वैगनर लड़ाके मारे गए थे। प्रिगोजिन ने क्रेमलिन को इसका दोषी बताया था। ये हमला कब हुआ था, हालांकि इसकी जानकारी नहीं दी गई।
- वैगनर प्रमुख प्रिगोजिन ने दावा किया है कि रूसी जनरलों ने यूक्रेन में उनके सैनिकों पर हवाई हमले का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि वे रूस के खिलाफ नहीं हैं। वो सिर्फ रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के साथ रूस के शीर्ष अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं।
- सूत्रों के अनुसार प्रिगोजिन की यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति पुतिन और रक्षामंत्री सर्गेई के साथ जीते गए इलाकों पर कब्जे के मुद्दों को लेकर अनबन चल रही है। प्रिगोझन यूक्रेन में जीते गए क्षेत्रों के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा चाहता है। पुतिन के इनकार के बाद प्रिगोजिन विद्रोह के मूड में आ गए।
- रॉयटर्स के मुताबिक, दो हफ्ते पहले ही रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया था। इसके तहत यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे सभी प्राइवेट लड़ाकों को रूस की सेना में शामिल होने के आदेश दिए गए थे। इसके लिए सभी प्राइवेट मिलिट्री से एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाने की बात कही गई थी।वैगनर ने ये समझौता करने से इनकार कर दिया था।