बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में वैसे तो डिग्री धारी चिकित्सक भी कहीं कहीं मिल जाते हैं पर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में झोला छाप चिकित्सकों की तादाद काफी है। ये चिकित्सक सामान्यतः सर्दी, ज़ुकाम और फोड़ा फुंसी का हीं इलाज कर पाते हैं। परन्तु बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में आज भी दांत के इलाज के लिए कहीं भी चिकित्सक मौजूद नहीं है। सरकारी अस्पतालों में भी केवल जिलास्तरीय अस्पताल में हीं दांत के इलाज की व्यवस्था है। अनुमंडलीय अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कहीं भी दांत के चिकित्सक नहीं मिलेंगे। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दांत के इलाज के लिए शहर के प्राइवेट अस्पतालों में आना पड़ता है। जहां उन्हें काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इन्हीं सब कारणों को ध्यान में रखते हुए बिहार के इन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयंसेवी संस्थाओं ने नि:शुल्क दंत चिकित्सा शिविर लगा कर दांतों का संपूर्ण इलाज करने का अभियान चालाया जा Bhut है। हिमाचल प्रदेश की स्वयंसेवी संस्था म्यूज (MUSE)और बिहार की स्वयंसेवी संस्था अनुभूति (ANUBHOOTI) ने एक साथ मिलकर पूर्वी चंपारण जिले से इसकी शुरुआत की है। दोनों संस्थाओं ने संयुक्त रूप से अपने पहले नि:शुल्क दंत चिकित्सा शिविर की शुरुआत 18 मार्च से सुगौली प्रखंड के चैनपुर गांव में की।जहां पंद्रह दिनों तक यह चिकित्सा शिविर आयोजित हुआ। करीब दो हजार से ज्यादा लोगों का दांतों का सफल इलाज हुआ। वहीं अब इन संस्थाओं ने अपने दूसरे दंत चिकित्सा शिविर की शुरुआत सुगौली प्रखंड के ही फुलवरिया पंचायत से की है। यह शिविर 2 अप्रैल से 12 अप्रैल तक चलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में नि:शुल्क दंत चिकित्सा शिविर आयोजित होने से ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। इस बाबत स्वयंसेवी संस्था MUSE के अनुभव दास और स्वयंसेवी संस्था ANUBHOOTI के मनीष कुमार झा ने बताया कि दांत हमारे शरीर का बहुत हीं महत्वपूर्ण अंग है लेकिन इसके इलाज की व्यवस्था अभी केवल शहरों तक सीमित है और शहर में इसका इलाज काफी महंगा है, जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों की अस्सी प्रतिशत आबादी महंगा इलाज करा पाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में हमारी संस्था इस महंगे इलाज को नि:शुल्क सर्वसुलभ बना कर जन जन तक इसका लाभ दिलाने के लिए प्रयासरत है। MUSE और ANUBHOOTI के इस अभियान को जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग मिलने लगा है। इस अभियान को सफल बनाने में गृह मंत्रालय के पूर्व निदेशक विनोद कुमार झा, वरिष्ठ पत्रकार अनुरंजन झा, समाजसेवी अमित नाथ तिवारी, सचिव कुमार झा, मुखिया सोनेलाल सहनी, मुखिया अवधेश कुशवाहा, मुखिया बाबुलाल बैठा, मुखिया प्रभाकर झा समेत कई गणमान्य लोग प्रयासरत हैं।