कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गुरुवार को संसद पहुंचे और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ब्रिटेन में की गई टिप्पणी पर माफी की मांग की. गांधी ने कहा कि, ‘मैंने लंदन सेमिनार में भारत विरोधी कुछ भी नहीं बोला अगर वे अनुमति देंगे तो मैं संसद के अंदर बोलूंगा.”
संसद में राहुल गांधी को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच बड़े पैमाने पर बहस देखा गया है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अडानी-हिंडनबर्ग मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रहे हैं. बीजेपी ने मांग की है कि राहुल गांधी विदेशी धरती पर भारत का अपमान करने के लिए संसद से माफी मांगें.
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस नेता द्वारा माफी की भाजपा की मांग को दोहराते हुए कहा, “राहुल गांधी जो कहते हैं, वह वही भाषा है जो देश और बाहर भारत विरोधी हैं.”
ब्रिटेन में बातचीत के दौरान गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और विपक्षी नेता खामोश हैं. उनकी टिप्पणी ने भारत में बड़े पैमाने पर आक्रोश पैदा कर दिया और भाजपा नेताओं ने उन पर संसद का अपमान करने का आरोप लगाया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के बयान पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लंदन की धरती से भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर सके. लेकिन इसके बावजूद, कुछ लोगों द्वारा भारतीय लोकतंत्र पर हमला करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.”