दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी घोटाला के मामले में सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद अब बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या सिसोदिया के बाद केजरीवाल भी जाएंगे जेल? आम आदमी पार्टी का क्या होगा ? दिल्ली की जनता उनकी इस गिरफ्तारी को स्वीकार करेगी या नहीं ?
सब जानते हैं कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री अरविंद सिसोदिया, सीएम अरविंद केजरीवाल के बेहद ही नजदीकी और खास आदमी हैं। सिसोदिया उस वक्त से अरविंद केजरीवाल के साथ है, जब आम आदमी पार्टी का गठन भी नहीं हुआ था और अरविंद व अन्ना हजारे दिल्ली में बड़ा आंदोलन किया था। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के कुशल नेतृत्व में ही दिल्ली के नगर निगम पर आम आदमी पार्टी का कब्जा हो सका है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार अरंविद केजरीवाल पर दबाव बनाने के जांच एजेंसी का सहारा ले रही है। चूंकि केंद्र सरकार चाहती है कि दिल्ली की सत्ता पर भी उसका राज हो। सिसोदिया की गिरफ्तारी का यह भी मतलब निकाला जा रहा है कि उनकी गिरफ्तारी अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ी आफत का संकेेत हो सकते हैं।
दिल्ली में पहले कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने में आम आदमी पार्टी ने अहम भूमिका निभाई है। अब नगर निगम के चुनाव संपन्न हुए तो आम आदमी पार्टी ने ही भाजपा को एमसीडी की कुर्सी से नीचे धकेला है। नगर निगम चुनाव में जिस तरह से दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को पसंद किया, उसके बाद यह कहने में संकोच नहीं किया जा सकता कि दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को बेहद ही पसंद और प्यार करती है।
यूं तो अरविंद सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं, लेकिन उन सब में एक सवाल दिल्लीवासियों के दिमाग में जरुर कौंधेगा, वह यह कि अब आम आदमी पार्टी का क्या होगा ? आपको बता दें कि विपक्षी पार्टी भाजपा व केंद्र सरकार का अरविंद केजरीवाल से 36 का आंकडा है। केंद्र सरकार किसी न किसी बहाने से दिल्ली की आप सरकार पर दबाव बनाए रखना चाहती है, लेकिन मनीष सिसोदिया इन दबावों को कम करने के लिए जाहिर जवाब पुरुष के रुप में हमेशा आगे रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार होने की बात कर रही है क्योंकि उनका कहना है कि सिसोदिया के बाद केजरीवाल भी जाएंगे जेल ।
दिल्ली वासियों के हित को लेकर मनीष सिसोदिया हमेशा आगे रहे हैं, वह सत्ता में सहयोग करने के साथ साथ संगठन में भी अहम भूमिका निभाते हैं। अब ऐसे में उनकी गिरफ्तारी के बाद सत्ता में सत्ता और संगठन में उनका सहयोग जरुर अखरेगा और इसका विपरित असर कहीं न कहीं जरुर दिखाई देगा। सवाल यह भी है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की जनता की कितनी सहानुभूति आम आदमी पार्टी को मिलेगी ?