डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख और खुद का नाम राम रहीम रखकर धर्म की आड़ में बलात्कार और हत्या करने वाला गुरमीत सिंह फरलो पर जेल से बाहर आ गया है। पंजाब चुनाव के ठीक पहले उसे जमानत मिली है और उसे रिहा किया गया है। मीडिया का शोर न हो और उसके अंध अनुयायियों की भीड़ उत्पात नहीं मचाए इसलिए उसे चुपके चुपके जेल से बाहर लाया गया है। लेकिन ठीक वोटिंग से पहले उसकी फरलो पर रिहाई निस्संदेह राजनीति से प्रेरित लगती है।
गुरमीत दुष्कर्म और हत्या के केस में सजा काट रहा है। वह हरियाणा में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद था। जेल से छोड़े जाने के साथ ही उसके अनुयायी उसे छिपाकर डेरा ले जा रहे हैं।
राम रहीम की रिहाई पंजाब में चुनाव से 13 दिन पहले हुई है। पंजाब के 23 जिलों में 300 बड़े डेरे हैं, जिनका सीधा दखल सूबे की राजनीति में है। यह डेरे पंजाब के माझा, मालवा और दोआबा क्षेत्र में अपना वर्चस्व रखते हैं। डेरा सच्चा सौदा हरियाणा के सिरसा जिले में स्थित है। इसका पंजाब के मालवा रीजन की करीब 69 सीटों पर प्रभाव है। बलात्कारी और हत्यारे गुरमीत की रिहाई के मद्देनजर सुनारिया जेल के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। सिरसा डेरा के प्रमुख राम रहीम का 21 दिन की फरलो (छुट्टी) का आवेदन हरियाणा जेल विभाग पहले ही मंजूर कर चुका था। रोहतक के कमिश्नर के दस्तखत के बाद उसे जेल से बाहर लाया गया।