प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को प्राकृतिक आपदाओं और अन्य विपरीत हालात में सुरक्षित व कारगर बने रहने वाले आधारभूत अवसंरचना निर्माण की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का एक सबक यह है कि किसी अप्रत्याशित घटनाक्रम का सामना करने के लिए सक्षम आधारभूत ढांचा और आपूर्ति श्रृंखला होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने आपदा रोधी अवसंरचना निर्माण की अपनी दूसरी अंतरराष्ट्रीय पहल (डीआरआई) से जुड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो संदेश से संबोधित किया। इससे पहले उन्हीं की पहल पर अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन बना था।
विकासशील देशों को भी साथ लेकर चलना बेहद जरूरी
कोरोना महामारी को उदाहरण स्वरूप पेश करते हुए पीएम मोदी ने विश्व समुदाय को जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों के प्रति अगाह किया। साथ ही इससे निपटने के लिए विश्व समुदाय से सभी को साथ लेकर चलने की अपील की। उनका संदेश स्पष्ट था कि छोटे व विकासशील देशों को भी साथ लेकर चलना बेहद जरूरी है।
कोरोना महामारी ने हमें बताया है कि कितनी जल्दी दुनिया के सभी देश आपदा की जद में आ सकते हैं
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने हमें बताया है कि कितनी जल्दी दुनिया के सभी देश आपदा की जद में आ सकते हैं और मिलकर काम करने से समाधान खोजा जा सकता है। कार्यक्रम में ब्रिटेन, इटली और फिजी के प्रधानमंत्री भी उपस्थित रहे। सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों अंतरराष्ट्रीय संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश करने वालों को उनका आपदारोधी होना भी सुनिश्चित करना होगा
अमेरिका के टेक्सास में तूफान से बिजली वितरण व्यवस्था में आई खराबी को एक उदाहरण स्वरूप पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश करने वालों को उनका आपदारोधी होना भी सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल, शिपिंग लाइनें, विमानन नेटवर्क पूरी दुनिया में फैले हैं और इनके माध्यम से दुनिया के एक हिस्से में आपदा का प्रभाव दुनिया भर में तेजी से फैल सकता है।
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में डीआरआई की प्राथमिकताओं का उल्लेख किया। इसमें सबको साथ लेकर चलने, स्वास्थ्य और डिजिटल जैसी महत्वपूर्ण अवसंचना पर विशेष ध्यान देने, तकनीकि सहयोग बढ़ाने और आपदा रोधी अवसंचरना निर्माण को जनआंदोलन बनाना शामिल है।