जम्मू-कश्मीर में जमीनी हकीकत का जायजा लेने के लिए यूरोपीय संघ का विदेशी प्रतिनिधिमंडल कश्मीर पहुंचा है। जानकारी के मुताबिक विदेशी राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल बडगाम जिले के मागम ब्लॉक पहुंचा है। प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान स्थानीय लोगों के साथ बातचीत भी की है। बता दें 20 सदस्यों का यह प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर है। इस प्रतिनिधिमंडल में यूरोप और अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
आज इनसे बातचीत करेगा विदेशी राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल
जम्मू कश्मीर पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में फ्रांसीसी दूत इमैनुएल लेनिन और इतालवी दूत विन्सेन्ज़ो डी लुका बडगाम जिले के मागम ब्लॉक के स्थानीय लोगों के साथ बातचीत कर रहे हैं। गौरतलब हो हाल ही सम्पन्न हुए में जम्मू कश्मीर के डीडीसी चुनाव और केंद्र सरकार द्वारा 4 जी मोबाइल इंटरनेट सेवाओं की बहाली के दो सप्ताह से भी कम समय बाद ये यात्रा हो रही है। ज्ञात हो अगस्त 2019 में सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से ही इंटरनेट सेवाओं को रोक दिया गया था। विदेशी डिप्लोमैट्स के तय कार्यक्रम के मुताबिक आज डीडीसी के नए चुने गए सदस्यों, सोशल और पॉलिटिकल एक्टिविस्ट, मीडिया और सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों और सेना के जवानों से मुलाकात करेंगे।
वहीं सेना और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी भी प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षा के हालात के बारे में जानकारी देंगे। विशेष रूप से आतंकवादियों को भारत भेजने के पाकिस्तान के प्रयासों और नियंत्रण रेखा पर उसके द्वारा किए जा रहे लगातार संघर्षविराम उल्लंघनों के बारे में भी बताया जाएगा।
कल जम्मू के दौरे पर रहेगा प्रतिनिधिमंडल
जानकारी के मुताबिक यह प्रतिनिधिमंडल आज कश्मीर घाटी का जायजा लेगा जबकि गुरुवार को यह दल जम्मू के दौरे पर रहेगा। बताना चाहेंगे कि साल 2019 में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद- 370 को खत्म किए जाने के बाद विदेशी राजनयिकों का यह तीसरा दौरा होगा। इससे पहले अक्टूबर 2019 में भी एक प्रतिनिधिमंडल वहां के हालात का जायजा लेने गया था।
दूसरे दिन जम्मू में इन लोगों से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
बताया जा रहा है कि दूसरे दिन राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल जम्मू के दौरे पर रहेगा, जहां वे डीडीसी सदस्यों और कुछ सामाजिक संगठनों के प्रमुखों के अलावा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मुलाकात करेगा। सरकार द्वारा प्रचार प्रसार के लिए एक और कूटनीतिक कवायद की जा रही है। इसके जरिए विदेशी राजनयिकों को कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सुरक्षा स्थिति के बारे में बताया जाएगा।