जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे पर आए यूरोप और अफ्रीका के प्रतिनिधियों का आज दूसरा दिन रहा। दल ने गुरुवार को भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के उच्च अधिकारियों से सुरक्षा स्थिति पर बातचीत की। इस दौरान जम्मू पहुंचे प्रतिनिधिमंडल से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राजभवन में मुलाकात की।
वहीं प्रतिनिधिमंडल को आतंकवादियों के आत्मसमर्पण कराने में सेना की भूमिका, सीमा पार से घुसपैठ और पाकिस्तानी सेना का समर्थन, आतंकवादियों को पनाह देने वाले प्रशिक्षण शिविरों और पाकिस्तान द्वारा भेजे गए हथियारों की जब्ती के संबंध में बताया गया। इससे पहले उन्होंने सेना और पुलिस से भी मुलाकात की। जहां प्रतिनिधिमंडल को सामुदायिक गतिविधियां, कट्टरपंथ को कम करके आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने में सेना की भूमिका, खेल में पुलिस द्वारा की गई पहल और रोजगार के अवसरों के बारे में भी बताया गया।
विदेशी प्रतिमंडल को हथियार समर्पण करने वालों के लिए सामुदायिक व्यवस्थाओं और विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में भी बताया गया, जिनमें, खेल-कूद में नौजवानों के लिए पुलिस की पहल, रोज़गार के अवसर, परामर्श और संभाविक लोगों के लिए सामुदायिक बंधन योजनाएं जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। प्रतिमंडल को धारा 370 के खात्मे के बाद शांतिपूर्ण माहौल, पथराव की घटनाओं में कमी और जम्मू-कश्मीर में हालिया जिला परिषदों के चुनाव के अलावा जम्मू-कश्मीर की समग्र सुरक्षा स्थिति विशेष रूप से एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार गोलीबारी के बारे में भी बताया गया।
इससे पहले प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को श्रीनगर में जिला विकास परिषद के सदस्यों के अलावा दस्तकारों, खिलाड़ियों और अन्य लोगों से भी मुलाकात की। दौरे के दौरान उन्होंने श्रीनगर की प्रसिद्ध मस्जिद और हजरतबल दरगाह का दौरा किया।