Media Sarkar Desk
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि कर्ज की किस्तें चुकाने में छूट की अवधि के दौरान ब्याज में राहत नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट में मोराटोरियम की अवधि में ब्याज में राहत को लेकर सुनवाई के दौरान RBI ने ये बात कही। आरबीआई ने कहा कि ऐसा करना देश के बैंकों की वित्तीय स्थिरता के लिहाज से ठीक नहीं होगा।
2 लाख करोड़ का हो सकता है नुकसान : RBI
इसके अलावा जमाकर्ताओं और फाइनेंशल सेक्टर पर भी इसका विपरीत असर देखने को मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल कर आरबीआई ने कहा कि किस्तों में छूट सिर्फ स्थगन है, इसे माफी के तौर पर नहीं लिया जा सकता। आरबीआई ने कहा कि यदि ब्याज में राहत दी जाती है तो बैंकों को 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर मांग की गई थी कि बैंकों को मोराटोरियम की अवधि के दौरान कर्ज पर ब्याज भी नहीं लगाना चाहिए। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय बैंक को नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में आरबीआई ने ये तर्क दिया है।