Report : Hiralal Prasad, Special Correspondent
देश पर छाए कोरोना संकट के बीच एक राहत भरी खबर भी है। लगातार तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि देश में राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 का कोई कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है। साथ ही बिहार में कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर घर लौटने वालों की संख्या संक्रमितों से ज्यादा हो गई है।
ICMR चीफ ने बताया, घबराएं नहीं लेकिन सतर्क रहें
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 का कोई कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है। भार्गव ने कहा, “सामुदायिक प्रसार को लेकर काफी बहस चल रही है। डब्ल्यूएचओ ने इसकी परिभाषा नहीं दी है। भारत इतना बड़ा देश है और इसका प्रसार बहुत कम है। छोटे जिलों में इसका प्रसार एक प्रतिशत से भी कम है। यह शहरी क्षेत्र में थोड़ा अधिक है। कन्टेनमेंट क्षेत्रों में, थोड़ा अधिक हो सकता है। लेकिन, हम सुनिश्चित हैं कि भारत में सामुदायिक प्रसार नहीं है।आईसीएमआर प्रमुख ने हालांकि कहा कि उन्हें परीक्षण, ट्रेसिंग, ट्रैकिंग और क्वारंटीन की रणनीति को जारी रखना होगा। उन्होंने रोकथाम के उपायों को जारी रखने पर जोर दिया।
बिहार में स्वस्थ होने वालों की संख्या, बीमारों से ज्यादा हुई
वहीं कोरोना के कहर के बीच दूसरी अच्छी खबर बिहार से है। बिहार में कोरोना संक्रमण से राज्य के सभी 38 जिले प्रभावित हैं और संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। लेकिन राहत की बात यह है कि इलाज के बाद स्वस्थ होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। राज्य में अब संक्रमितों की संख्या से अधिक संकमण-मुक्त होकर घर लौट चुके लोगों की है। राज्य में पहला कोरोना मरीज 22 मार्च को सामने आया था। इसके बाद से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती रही है। सरकार जांच की रफ्तार तेज करने पर जोर दे रही है। यही कारण है कि जांच की सुविधा अब सभी जिलों में होने वाली है।
बिहार में तकरीबन 6000 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें 3 हजार से ज्यादा लोग स्वस्थ हो चुके हैं और 2800 लोग अभी एक्टिव कोरोना पेशेंट हैं।