Report : Priyanka Goswami
कारोना वायरस के बढ़ते केस और मरीजों की जान जाने के बीच अच्छी खबर आई है। दिल्ली में अब कोरोना का इलाज पहले के एक तिहाई हो गया है। गृह मंत्रालय की कमेटी ने पीपीई किट (PPE Kit) के साथ आइसोलेशन बेड्स के लिए 8 हजार से 10 हजार रुपए, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू (ICU) बेड का चार्ज 13000-15000 और वेंटिलेटर बेड के साथ 15000-18000 रुपये की दरों को लागू करने की सिफारिश की है।
दिल्ली के अस्पतालों में मनमानी फीस वसूलने के मामले सामने आए थे
इन सिफारिशों को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार का औपचारिक आदेश जल्द आएगा। अभी ये कीमतें पीपीई किट को हटाकर 24000-25000, 34000-43000 और 44000-54000 रुपये थीं। दिल्ली के साकेत मैक्स अस्पताल की एक चार्ज शीट वायरल हुई थी जिसमें एक दिन के लिए 75 हजार रुपए तक वसूले जा रहे थे और पेशेंट के भर्ती होने के समय ही 5 से 7 लाख रुपए तक जमा कराए जा रहे थे।
गृह मंत्रालय की कमेटी का निर्णय
गृह मंत्रालय ने प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना इलाज का रेट तय करने के लिए डॉक्टर वीके पॉल कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें मौजूदा रेट को दो तिहाई कम करने के लिए कहा गया था। इसके बाद गृह मंत्रालय ने रेट को कम करने का फैसला किया है।
आदेश गुप्ता का था सुझाव
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिल्ली प्रदेश अध्य़क्ष आदेश गुप्ता औऱ कांग्रेस नेताओं ने प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के खर्च को कम करने की मांग की थी। उनका कहना था कि महामारी के दौर में प्राइवेट अस्पताल मुंहमांगा दाम वसूल रही हैं, जिससे आम लोगों को काफी समस्या हो रही है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने कमेटी का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर इलाज के चार्ज को फिक्स करने का फैसला किया गया है। इसका फायदा उन मिडिल क्लास परिवार को होगा, जिन्हें सरकारी अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहा था और वो प्राइवेट अस्पताल के भारी भरकम बिल को चुकाने में अक्षम थे।