राजधानी दिल्ली में भी हालात आनेवाले दिनों में वुहान जैसे होने वाले हैं। देश के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित शहर मुंबई की तुलना में दिल्ली में ज्यादा तेजी से लोग संक्रमित हो रहे हैं। दिल्ली में कोरोना के नए मामलों की रफ्तार ने केंद्र और दिल्ली दोनों सरकार को चिंता में डाल दिया है। दिल्ली में कोरोना की जांच में तकरीबन 25 फीसदी लोग पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
द वेब रेडियो से साभार
केजरीवाल ने अमित शाह से मुलाकात की
इसी बीच राजधानी में कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। माना जा रहा है कि दिल्ली में बिगड़ते हालात को देखते हुए यहां फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। अमित शाह से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि गृह मंत्री से कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया।
सभी के लिए अस्पताल खोलने पर राजनीति
दूसरे राज्यों के लोगों के दिल्ली में इलाज की अनुमति दिए जाने के बाद से ही दिल्ली सरकार नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश में जुटी है। दिल्ली में लगातार मरीज बढ़ते जा रहे हैं और प्राइवेट अस्पतालों में बेड लगभग भर चुके हैं। अब बैंक्वेट हॉल, होटल और स्टेडियम में अस्पताल चलाने की तैयारी हो रही है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सरकार हालात पर नजर रखे हुए है और रोज आने वाले मरीजों की संख्या की समीक्षा की जा रही है। यदि जरूरी हुआ तो सरकार लॉकडाउन पर फैसला लेगी।
ICMR ने कहा कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं
सरकार की चिंता है कि बेड कहां से आएंगे। सरकार ये भी कह रही है कि दिल्ली में कोरोना वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्टेज पर है। दूसरी तरफ ICMR ने आज साफ शब्दों में कहा कि देश में अभी कोरोना कम्युनिटी ट्रांसमिशन के दौर में नहीं पहुंचा है। ICMR ने देश के 83 जिलों में 28 हजार परिवार का सर्वे किया है और उसी के आधार पर अपनी रिपोर्ट सौंपी है। देश मे अभी तक 52 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है और इसमें से 2 लाख 87 हजार लोग कोरोना पाजिटिव पाए गए हैँ।
रिकवरी रेट अच्छी
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अब देश में संक्रमितों से ज्यादा ठीक होने वालों की संख्या है। पिछले एक महीने में रिकवरी रेट में 11% की बढ़ोतरी हुई है। 11 मई को ये 38 दशमलव 2 9% थी। जो अब 49 दशमलव .2 1% हो गई है। अब तक देश में 1 लाख 41 हजार से ज्यादा लोग स्वस्थ हो चुके हैँ।
दिल्ली सरकार की नाकामी
दिल्ली में सरकार की नाकामियों का एक और उदाहरण सामने आया है। कस्तूरबा गांधी अस्पताल के बाद अब हिंदूराव अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों ने भी काम बंद कर देने की बात कही है। डॉक्टरों का कहना है कि पिछले 4 महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है। एक तरफ सरकार विज्ञापन पर सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च कर रही है लेकिन इस महामारी के काल में अपने डॉक्टरों को समय से वेतन नहीं दे पा रही है।