द वेब रेडियो से साभार
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के सिललिसे में एक बयान जारी किया है और कहा है कि हो सकता है कि ये कोरोना वायरस कभी खत्म नहीं हो। दुनिया को इसके साथ जीने की आदत डाल लेनी होगी, इस वायरस के साथ जीने का तरीका ढूंढ निकालना होगा। डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइक रेयॉन ने कहा कि वैक्सीन आने के बाद भी जरूरी नहीं कि वायरस खत्म हो जाए।
हर्ड इम्युनिटी का आइडिया खतरनाक और चिंताजनक
एचआईवी भी अब तक खत्म नहीं हुआ है, लेकिन हम उसके साथ जी रहे हैं। रेयान ने कहा, ‘‘मैं इन दोनों बीमारियों की तुलना नहीं कर रहा लेकिन हमें हकीकत समझनी चाहिए। कोई इसका अंदाजा नहीं लगा सकता कि कोरोना महामारी कब जाएगी।’’ साथ ही उन्होंने पूरी दुनिया को सचेत करते हुए कह कि जब तक संक्रमण निचले स्तर तक नहीं पहंच जाए तब तक पाबंदियां नहीं हटाएं। रेयॉन ने कहा कि दुनिया भर में लोग अब हर्ड इम्युनिटी की बात कर रहे हैं। कोरोना से लड़ना कोई जादू का खेल नहीं है, ऐसी कोशिश दुनिया के लिए काफी खतरनाक होगी। रेयान ने कहा कि लॉकडाउन में मर्जी से छूट और बेहद हल्के प्रतिबंध लगाकर कोई ये सोचने लगे कि अचानक से उनके देशवासी “जादुई इम्यूनिटी” प्राप्त कर लेंगे। तो ये बेहद चिंताजनक है। इँसान जानवरों के झुंड नहीं है जिन्हें इस दौर में ऐसे ही मरने के लिए छोड़ दिया जाए।
ब्रिटिश PM ने कहा पता नहीं कब तैयार होगा वैक्सीन
इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर कहा कि मैं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैक्सीन तैयार करने बारे में कुछ उत्साहित करने वाली बातें सुन रहा हूं, लेकिन इसकी किसी तरह की गारंटी नहीं है। मुझे यकीन है कि मैं सही कह रहा हूं। 18 साल के बाद भी हमारे पास सार्स वायरस का वैक्सीन नहीं है। लेकिन हमारे प्रयास जारी रहेंगे और हम इसे पाने के लिए हर संभव प्रयास और भारी रकम खर्च कर रहे हैं।
दुनिया भर में 44 लाख से ज्यादा संक्रमित
दुनिया भर में करोनावायरस से अब तक 44 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। 16 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, मौतों का आंकड़ा तीन लाख के करीब हो गया है। अमेरिका में सबसे ज्यादा 85 हजार लोगों की जान जा चुकी है और वहां 14 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से बीमार हैं। ब्रिटेन में 33 हजार लोग जान गंवा चुके हैं, ब्रिटेन में 2 लाख 29 हजार से ज्यादा लोगों में कोरना का संक्रमण है। रूस में कोरोना की चपेट में अब तक ढाई लाख लोग आ चके हैं लेकिन वहां मरने वालों की तादात काफी कम है और यहां अभी तक महज 2 हजार 3 सौ लोगों की जान गई है। भारत में 78 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हैं और ढाई हजार से ज्यादा की जान जा चुकी है। जबकि चीन दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की लिस्ट से बाहर हो चुका है। चीन में अब कभी कभार ही कोरोना के मामले सामने आ रहे हैँ। जर्मनी में एक लाख पचहत्तर हजार से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आए जिसमें डेढ़ लाख से ज्यादा लोग स्वस्थ हो चुके हैं और अब महज पंद्रह हजार लोग बीमार हैँ। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि रूस उनकी जासूसी करवा रहा है। मर्केल ने बुधवार को संसद में कहा कि मैंने हर रोज रूस के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश की। दूसरी ओर रूस की सेना ने मेरी जासूसी करने की कोशिश की। इसके ठोस सबूत सामने आ रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले में रुस के आंकड़ों पर भी भरोसा नहीं होता।
चीन पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में अमेरिका
उधर चीन पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका की संसद में बिल पेश किया गया। यह बिल नौ सांसदों के समूह ने पेश किया। इसमें कहा गया है कि अगर चीन कोरोनावायरस फैलने के कारणों की पूरी जानकारी नहीं देता है, इस पर काबू करने में सहयोग नहीं करता है तो अमेरिका के राष्ट्रपति को चीन पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति दी जाए। राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप 60 दिन में यह प्रमाणित करेंगे कि चीन ने अमेरिका, उसके सहयोगियों या डब्ल्यूएचओ जैसी संयुक्त राष्ट्र से संबंधित संस्थाओं को कोरोना पर पूरी जानकारी नहीं दी। उसने मांसाहार बेचने वाले उन सभी बाजारों को बंद नहीं किया, जिनसे जानवरों से इंसानों में संक्रमण फैलने का खतरा था। यह बिल सांसद लिंडसे ग्राहम ने तैयार किया है। आठ अन्य सांसदों ने इस पर उनका साथ दिया। बिल मंजूर होने पर अमेरिकी प्रशासन अपने यहां चीन की संपत्तियां सील कर सकेगा। साथ ही अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा है कि पिछले 20 साल में चीन से 5 संकट आ चुके हैं। इस सिलसिले को रोका जाना चाहिए। ओब्रायन ने कहा- सार्स, एवियन फ्लू, स्वाइन फ्लू और अब कोरोनावायरस जैसी महामारी चीन से दुनिया भर में फैली है। ये अच्छी बात नहीं है कि ऐसा हर वायरस चीन से ही फैलता है। हालांकि, उन्होंने पांचवें संकट का नाम नहीं बताया।
दक्षिण कोरिया ने काबू किया कोरोना
WHO पहले ही साफ कर चुका है कि कोरोना वायरस चीन के बाजार से फैला और ये चमगादड़ से फैला है। लेकिन उस चमगादड़ तक ये कैसे पहुंचा इसकी अभी जांच होना बाकी है। इसी बीच चीन पूरे वुहाने के लोगों का अगले दस दिनों में कोरोना की जांच कराने की तैयारी में जुटा है। वुहान में हर रोज 10 लाख या उससे ज्यादा लोगों की जांच की जाएगी और कोरोना के मौजूदा हालात जानने की कोशिश होगी। वुहान के हर व्यक्ति की जांच होगी। दक्षिण कोरिया ने कोरोना पर लगभग काबू कर लिया है और पिछले 40 दिनों में महज एक हजार मामले सामने आए हैं जबकि शुरुआत के दस हजार मामले वहां बड़ी तेजी से मिले थे।