कितना सुखद समय रहा होगा जब पहली बार दुनिया में रेडियो पर प्रसारण की शुरुआत हुई थी। 1918 में ली द फोरेस्ट ने न्यूयार्क के हाईब्रिज इलाके में दुनिया का पहला रेडियो स्टेशन शुरू किया। विश्व रेडियो के लिए यह गौरव का विषय था। जब यूनिस्को ने रेडियो के महत्व को समझते हुये 13 फरवरी 2011 को विश्व रेडियो दिवस मनाने की घोषणा की।
भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत 23 जुलाई 1927 को हुई थी।
ये आकाशवाणी पटना है, अब आप अनंत कुमार से प्रादेशिक समाचार सुनिये… 1980 के दशक में जब हम छात्र जीवन में थे तो शाम सात बजे कुछ यूं ही उभरती बुलंद आवाज हम सब श्रोता सुनते थे तो समाचार सुनने के लिए गंभीर हो जाते थे। हम सभी श्रोता सात बजे के पहले रेडियो खोलकर बैठ जाते थे।यह रोज की दिनचर्या थी। इसके साथ पटना आकाशवाणी से रविवार को प्रसारित “आपकी पसंद” कार्यक्रम के साथ निवेदन कार्यक्रम में हमेशा भाग लेते थे। साथ ही नाटक, रसमंजरी, सुगम संगीत, लोक संगीत, कार्यक्रम के दीवाने थे हमलोग।
80 दशक में रेडियो सिलोन पर बिनाका गीतमाला तो मानों घर घर में ऐसे सुना जाता था जैसे पूरे सप्ताह उसी का बस इंतजार हो रहा हो। बहनों एवं भाईयों आपका दोस्त अमीन सयानी सिलोन रेडियो से बिनाका गीतमाला प्रस्तुत करने फिर आ चुका हूँ, इस आवाज का जादू तो पूछिए मत । भारत के सबसे चर्चित रेडियो स्टेशन विविध भारती की लोकप्रियता आज भी बरकरार है। विविध भारती पर प्रसारित त्रिवेणी, हवा महल,सखी सहेली, छाया गीत, आज के फनकार जयमाला आदि अनेक कार्यक्रम रेडियो के साथ आज डिजिटल यूग में भी बड़े श्रद्धा से श्रोता सुनना नहीं भुलते हैं। विविध भारती को देश का सुरीली धड़कन भी कहा जाता है।
आज विश्व रेडियो दिवस पर मैं बीबीसी को भी नहीं भूलना चाहता हूँ। बीबीसी 31 जनवरी 20 से रेडियो पर हिन्दी सेवा का अपना प्रसारण बंद कर चुकी है और उनकी आखिरी प्रस्तुति हम सबको तमाम उम्र याद रहेगी। BBC हिन्दी के रेडियो प्रसारण बंद होने से देश के करोड़ों बीबीसी श्रोता भावुक एवं दुखी हुए हैं। बीबीसी की विश्वसनीयता 80 सालों तक बरकरार रही।बंद होने से समाचार उदधोषक श्राजेश जोशी, अमित बरुआ, रेहान फजल, पंकज प्रियदर्शी, रुपा झा, शाहिद एकबाल, मणिकांत ठाकुर, रामदत त्रिपाठी, रविप्रकाश, ओंकार नाथ जैसे अनेक उदधोषक की दमदार आवाज अब यादें बनकर रह गई हैं। वैसे बीबीसी के अनुसार टीवी एवं स्मार्ट फोन पर विवेचना,और दुनिया जहां का प्रसारण होता रहेगा। आज भी BBC के कार्यक्रम सुबह 6:30 नमस्कार और शाम सात बजे दिनभर की यादें सताती रहती हैं।
मैं अपने छात्र जीवन से लेकर आजतक रेडियो से उतनी ही मोहब्बत रखता हूँ। रेडियो हर किसी का हर कहीं साथ निभाता है। रेडियो के द्वारा हमें नई जानकारियां मिलती है, मनोरंजन मिलता है और सबसे बड़ी बात सुकून मिलता है। मनोरंजन के साधनों में रेडियो का स्थान अद्भुत हैं। आप अपने काम में व्यस्त रहिए और रेडियो सुनते रहिए। अक्सर हमने देखा और सुना है कि रेडियो की मधुर संगीत के सहारे लोगों अपने काम करने की क्षमता को एकाग्र होकर बढ़ा लेते हैं।
आज विश्व रेडियो दिवस पर भारत समेत विश्व के सभी रेडियो प्रेमियों के साथ आकाशवाणी से जुड़े सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।