Report : A R Jagidutta
लखनऊ। सुप्रीम अदालत के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर काफी सरगर्मियां हैं। अब जबकि सुप्रीम अदालत के फैसले का पालन करते हुए केंद्र सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ विकास क्षेत्र ट्रस्ट का गठन कर दिया है सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि मंदिर निर्माण कब आरंभ होगा।
अस्थायी कांच के बुलेटप्रूफ मंदिर में रहेंगे रामलला
आगामी 2 अप्रैल को रामनवमी है और यह लगभग तय है कि उसी दिन ने मंदिर निर्माण का विधिवत कार्य आरंभ हो जाएगा। ट्रस्ट निर्माण के बाद सबसे पहले यह तय हुआ है कि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पूरी होने तक रामलला एक नए कांच और लकड़ी से बने बुलेटप्रूफ मंदिर में रहेंगे। यह मंदिर दिल्ली में तैयार किया जा रहा है। यह अस्थायी मंदिर भी ऐसा होगा जिसे सारे मौसम के अनुकूल बनाया जाएगा। ये जानकारी अयोध्या मामले से जुड़े गृह विभाग के अधिकारियों ने दी।
विहिप के 1987 का मॉडल पर बन सकता है मंदिर ?
अभी एक अहम सवाल यह है कि मंदिर किस मॉडल पर बनेगा? ट्रस्ट का बोर्ड यह फैसला लेगा कि नए भव्य मंदिर का निर्माण विहिप के 1987 के मॉडल के अनुसार तराशे गए पत्थरों से होगा या फिर नए मॉडल के मुताबिक नए पत्थरों से बनेगा। विहिप के मॉडल के मुताबिक, राम मंदिर 106 खंभों पर दो मंजिला होगा। इसके लिए 60 से 70 फीसदी पत्थर तराशे जा चुके हैं। विहिप के उपाध्यक्ष चंपतराय बंसल का मानना है, ‘विहिप के मॉडल की बजाय अगर नए मॉडल से मंदिर बनेगा तो उसे पूरा होने में 25 साल का समय लगेगा।’ वहीं देश के कुछ चुनिंदा आर्किटेक्ट्स का मानना है कि मंदिर कितना भी भव्य बनाया जाए 2 साल से ज्यादा का समय नहीं लगेगा। कुछ विशेषज्ञ आर्किटेक्ट्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विश्व हिंदू परिषद का मॉडल ठीक है लेकिन उम्दा नहीं है और अनूठा भी नहीं है। अब चूंकि कोई बाधा नहीं है इसलिए हमें नए सिरे से विचार करना चाहिए। यह अब हजारों साल के भविष्य को देखकर बनाया जाना चाहिए। इस मंदिर का निर्माण किसी भी कीमत पर बलुआ पत्थरों से नहीं होना चाहिए।
रामकोट बनेगा श्रीरामलला विराजमान राजस्व गांव
उत्तर प्रदेश सरकार 67 एकड़ जमीन और उससे जुड़ी भूमि को मिलाकर नया राजस्व ग्राम ‘श्रीरामलला विराजमान’ बनाने की तैयारी कर रही है। आसपास की कुछ और जमीनों के अधिग्रहण के बाद इसका पूरा क्षेत्र करीब 100 एकड़ तक हो सकता है। विहिप के सूत्रों का दावा है कि श्रीरामलला राजस्व ग्राम अयोध्या नगर निगम में दर्ज होकर ‘श्रीरामलला शहर’ हो जाएगा।