By : A R Jagidutta
इन तस्वीरों के देखिए और इसमें कहीं आपको गांधी नजर आए तो दूसरे को भी बताईए, लेकिन परेशान मत होइए क्योंकि यह सारी मूर्तियां महात्मा गांधी की ही है। गांधी की मूर्तियों के साथ इतना भद्दा मजाक सिर्फ हिंदुस्तान में ही हो सकता है क्योंकि यहां तो कुछ भी बोलने और कुछ भी करने की आजादी है, बावजूद इसके लोग यहां न जाने किन किन और आजादी की मांग करते रहते हैं।
पिछले दिनों जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई तो गांधी के ज्यादा करीब दिखने की होड़ इनके नेताओं में जाग उठी और मंत्रियों ने आला अधिकारियों को इसके लिए अलग अलग तरीके से गांधीवाद फैलाने के आदेश जारी कर दिए। सबसे आसान होता है किसी के प्रति अपनी श्रद्धा दिखाने के लिए उसकी मूर्ति लगवा दिया जाए। उपर का फरमान नीचे तक पहुंचा और मध्य प्रदेश के दमोह जिले में उच्च शिक्षा विभाग ने 26 जनवरी तक सभी निजी और शासकीय कॉलेजों में गांधी स्तंभ स्थापित करने का आदेश जारी कर दिया। कई कॉलेज के प्रिंसिपल आनन फानन में गांधी की मूर्तियां बनवाई और कॉलेज परिसर में स्तंभ बनवाकर स्थापित करवा दिया।
अब बारी लोगों के चौंकने की थी क्योंकि जैसे ही ये प्रतिमाएँ स्थापित हुई, उसे देखकर साफ हो गया कि गांधी के साथ कितना भद्दा मजाक किया गया है। एक भी प्रतिमा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चेहरे से मेल नहीं खा रही हैं। कैसी भी शक्ल बनाकर महज गोल चश्मे के भरोसे इन मूर्तियों को गांधी साबित करने की कोशिश हो रही है। चार कॉलेज, शासकीय कॉलेज जबेरा, शासकीय कॉलेज हटा, पीजी कॉलेज दमोह और केएन कॉलेज दमोह में यह मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
इंग्लैंड में एक बार गांधी की आदमकद प्रतिमा बनी और उसमें शक्ल फिल्म गांधी के अभिनेता रिचर्ड एटनबरो से मेल खाती हुई दिखी तो वहां की सरकार ने उस प्रतिमा को उतरवाकर दूसरी मूर्ति बनवाकर स्थापित कराया। यह उस इंग्लैंड की बात है जिसके खिलाफ महात्मा गांधी ने भारत में पूरा आँदोलन किया और उनकी सरकार उखाड़ फेंकी, देश से वापस जाने को मजबूर किया। लेकिन हमारे देश में गांधी के अनुयायी होने का दावा करने वाले लोग किस कदर लापरवाह हो सकते हैं यह उसी का नमूना है।