Report : Media Sarkar Bureau
नई दिल्ली: सुप्रीम अदालत देश भर में बढ़ रहे प्रदूषण पर आज गहरी चिंता जताई और दिल्ली के सरकार समेत केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। वायु और जल प्रदूषण को रोकने के लिए सुप्रीम अदालत ने कई दिशा निर्देश जारी किए। अदालत ने कड़े शब्दों में कहा कि अगले तीन महीने के भीतर दिल्ली के कनॉट प्लेस और आनंद विहार में ‘स्मॉग टावर’ लगाए जाएँ।
जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच का फैसला
जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने दिल्ली सरकार को तीन महीने के भीतर कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर लगाने का निर्देश दिया है। पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के उल्लेख के मुताबिक आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाया जाए। दिल्ली सरकार सात दिन के भीतर प्रायोगिक टावर को लगाने के लिए 30 गुणा 30 मीटर जगह उबलब्ध कराए। वायु प्रदूषण को घटाने के लिए स्मॉग टावर लगाया जाता है। हवा को साफ करने के लिए इसमें कई लेयर में फिल्टर लगे होते हैं।
खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी
परियोजना के लिए केंद्र सरकार खर्च देगी हालांकि पर्यावरण और वन मंत्रालय को परियोजना की निगरानी करने का निर्देश दिया जाता है. तीन महीने के भीतर परियोजना को पूरा करें। साथ ही दिल्ली में आपूर्ति किए जा रहे पानी की गुणवत्ता के संबंध में संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के साथ ही दिल्ली में विभिन्न नमूनों की औचक जांच के बाद भारतीय मानक ब्यूरो को भी एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा है।
प्लास्टिक, औद्योगिक और अन्य अपशिष्ट के कारण होने वाले प्रदूषण पर चिंता प्रकट करते हुए शीर्ष अदालत ने दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों को सुनिश्चित करने को कहा है कि अपशिष्ट नहीं जलाये जायें। समय से अपशिष्ट हटाकर इसका निस्तारण करना चाहिए। राज्यों को छह हफ्ते के भीतर रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को पराली जलाए जाने के संबंध में एक ठोस योजना तैयार करने का निर्देश दिया।