Report : Media Sarkar Bureau
नई दिल्ली। कानूनी पेचीदगियों का फायदा उठाते हुए निर्भया के बलात्कारी और हत्यारों ने पहले से तय अपनी मौत की तारीख को आगे बढ़वा लिया है। दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार को अब नया मौत का फरमान जारी किया जिसके मुताबिक इन दरिंदों को अब 22 जनवरी की बजाए 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा। चारों दोषियों को 1 फरवरी सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी।
निर्भया की मां की भावुक अपील
इन सारे कानूनी दांव पेंच के बीच निर्भया की मां का दर्द उनकी आँखों से छलक आया। निर्भया की मां आशा देवी ने साफ शब्दों में कहा कि हमारे साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। तारीख पर तारीख देकर हमारे जख्मों को बार बार कुरेदा जा रहा है। इन दोषियों की चल रही है और वो हमारे साथ जितना खिलवाड़ कर सकते हैं, कर रहे हैं। अब सरकारें एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं, राजनीति हो रही हैं लेकिन हमारा सबसे कहना है कि निर्भया सबकी बेटी थी। सबको इस मामले को जल्द से जल्द निपटाना चाहिए। आशा देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इन दोषियों को जल्दी फांसी पर लटकाए जाने की अपील की। उन्होंने कहा- मेरी बच्ची की मौत के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है जो अब बंद होना चाहिए। आशा देवी ने कहा कि ‘‘जो लोग 2012 के बाद तिरंगा लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, वे ही आज इस पर राजनीति कर रहे हैं। घटना के बाद लोगों ने काली पट्टी बांधी, नारे लगाए ,लेकिन आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आज फांसी को रोका जा रहा है और राजनीति का खेल खेला जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में कहा था कि बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार। मैं आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि जिस तरह आपने तीन तलाक हटाया, इस कानून में भी संशोधन कीजिए। एक बच्ची की मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए। उन चारों मुजरिमों को 22 तारीख को फांसी पर लटकाइए।’’
मुकेश की दया याचिका खारिज
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया के गुनहगार मुकेश कुमार की दया याचिका खारिज कर दी। दोषी मुकेश ने यह याचिका मंगलवार शाम को राष्ट्रपति के पास भेजी थी। 7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी देने का डेथ वॉरंट जारी कर दिया था। इस पर दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि दया याचिका लंबित रहने तक किसी भी दोषी को फांसी नहीं दी जा सकती।
कानूनी पेंच समझिए.
इस मामले में बाकी दोषी अगर दया याचिका नहीं लगाते हैं तो 14 दिन बाद चारों दुष्कर्मियों को फांसी दी जा सकती है। हालांकि, इसमें भी अभी कानूनी पेंच है, क्योंकि एक दोषी पवन अब वारदात के समय अपने नाबालिग होने की याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।
पवन ने 18 दिसंबर 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पवन ने कहा था कि वारदात के वक्त वह नाबालिग था। अगले दिन यानी 19 दिसंबर को हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली की जिस अदालत में शुक्रवार को दुष्कर्मियों के डेथ वारंट पर सुनवाई हुई, उसी अदालत को दुष्कर्मी पवन के वकील ने बताया कि हमने 19 दिसंबर के दिल्ली हाईकोर्ट के पवन की याचिका खारिज करने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा।
दोषियों की फांसी के आड़े आने वाले पेंच क्या हैं?
1. अब पवन अपनी याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। इस पर फैसला होने तक फांसी हो पाना संभव नहीं है, क्योंकि निर्भया के मामले में 4 दोषियों को फांसी की सजा दी जानी है। दिल्ली प्रिजन मैनुअल के 837वें पॉइंट के मुताबिक, अगर एक ही मामले में एक से ज्यादा दोषियों को फांसी की सजा मिली है और इनमें से एक भी अपील करता है तो इस स्थिति में सभी दोषियों की फांसी पर तब तक रोक लगी रहेगी, जब तक अपील पर फैसला नहीं हो जाता।
2. दोषियों के वकील एपी सिंह ने न्यूज एजेंसी कहा, “अगस्त 2015 में दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों को लूट और अपहरण के मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी। पवन, मुकेश, विनय और अक्षय को राम आधार से लूट और उसके अपहरण का दोषी पाया गया था। हमने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। जब तक हाईकोर्ट में इस अपील पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक निर्भया के दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती।”
3. अगर निर्भया के बाकी तीन दोषियों में से कोई एक दोषी भी दया याचिका लगाता है तो फांसी टलती रहेगी। अगर बाकी तीनों दोषी दया याचिका नहीं लगाते हैं तो आज से 14 दिन बाद चारों को फांसी पर चढ़ाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी स्थिति में दोषियों के लिए 14 दिन का वक्त तय किया है, जो दोषियों को दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलने और जरूरी कामों को निपटाने के लिए मिलता है।
मुकेश को दया याचिका खारिज होने की सूचना दी गई
दो दोषियों मुकेश और विनय की क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने 14 जनवरी को खारिज कर दी थी। दोषी मुकेश ने उसी दिन राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी, जिसे राष्ट्रपति ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। मुकेश ने डेथ वॉरंट रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत में अर्जी दायर करने को कहा था। दोषी ने निचली अदालत में अर्जी दायर कर दी, जिस पर जज ने तिहाड़ जेल प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद तिहाड़ जेल प्रशासन के वकील ने अदालत को बताया कि दोषी मुकेश को उसकी दया याचिका खारिज होने की सूचना आधिकारिक तौर पर दे दी गई है।
दोषी विनय ने जेल में जान देने की कोशिश की
उधर खबर आई कि कड़ी सुरक्षा और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के बावजूद निर्भया के दोषी विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की। जेल सूत्रों और विनय के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि यह घटना बुधवार सुबह की है। सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते उसे बचा लिया। हालांकि, जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है।