Report : Media Sarkar Bureau
मुंबई । देश के मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज ने कहा है कि देश में लोग डर के माहौल में जी रहे हैं। कुछ भी साफ साफ बोलने से डरते हैं। राहुल बजाज ने ये बातें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को कही। मुंबई में इकोनॉमिक टाइम्स एक कार्यक्रम गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ देश के तमाम बड़े उद्योगपति शामिल हुए थे। ऐसे मौके पर राहुल बजाज का ऐसा कहना पूरे देश में एक नया विवाद खड़ा कर गया
लोग आलोचना करने से डरते हैं।
कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए राहुल बजाज ने साफ साफ कहा कि यूपीए – 2 के समय हम खुलकर सरकार की आलोचना कर सकते थे। लेकिन अगर अभी हम सरकार की नीतियों की आलोचना करें तो हमें भरोसा नहीं कि आप इसे कैसे लेंगे। निश्चित तौर पर आज के दौर में लोग सरकार की आलोचना से परहेज करते हैँ। बजाज ने आगे कहा, ‘‘हमारे उद्योगपति मित्रों में यह कोई नहीं बोलेगा, लेकिन हमें एक वातावरण बनाना होगा। मैं गलत हो सकता हूं। मुझे शायद कुछ चीजें नहीं बोलनी चाहिए। लेकिन हकीकत बताना भी तो जरुरी है।
राहुल बजाज के इन सवालों पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा, ‘किसी को भी किसी से डरने की जरूरत नहीं है और जैसा आप कह रहे हैं कि डर का एक ऐसा माहौल बना है तो हमें इस माहौल को बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए। मैं इतना स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगा कि किसी को डरने की जरूरत नहीं और ना ही कोई डराना चाहता है।’
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— Economic Times (@EconomicTimes) December 1, 2019
उद्योगपतियों में विश्वास की कमी
राहुल बजाज ने सरकार की आलोचना करने के लिए उद्योगपतियों में विश्वास की कमी, सांसद प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे को लेकर दिए बयान पर उचित कार्रवाई नहीं करने और मॉब लिंचिंग को लेकर चिंता जताई। राहुल बजाज ने संसद में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर हुए विवाद का भी जिक्र करते हुए कहा, ‘उन्होंने (प्रज्ञा ठाकुर) जब इसी तरह का बयान पहले भी दिया था तो उस समय प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि उन्हें माफ करना मुश्किल है लेकिन उसके बाद उन्हें (प्रज्ञा ठाकुर) सदन की समिति का सदस्य बना दिया गया।’उद्योगपति बजाज ने देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ रही घटनाओं पर भी कहा, ‘एक माहौल तैयार किया गया है, असहिष्णुता की हवा है। हम डरते हैं, कुछ चीजों को हम बोलना नहीं चाहते हैं पर देखते हैं कि कोई दोषी ही नहीं सिद्ध हुआ अभी तक।’
‘गोडसे पर प्रज्ञा के बयान का सरकार-भाजपा ने विरोध किया’
अमित शाह से जब प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे पर दिए बयान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “न ही सरकार और नही भाजपा प्रज्ञा के बयान का समर्थन करती हैं। हमने इसकी निंदा की है।” भाजपा ने प्रज्ञा ठाकुर को पूरे सत्र के लिए संसदीय दल की बैठक से निष्काषित कर दिया है। बयान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में इसकी आलोचना किया, इसके अलावा उन्हें रक्षा मामलों की समिति से भी हटाया गया।
शाह की अपील- उद्योगपति कश्मीर जा कर वहां के हालात देखें
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद के हालात पर शाह ने कहा, “मैं गृह मंत्री के तौर पर उद्योगपतियों से अपील करता हूं कि वे कश्मीर जाएं और वहां के हालात देखें। शाह ने कहा कि जहां तक इंटरनेट से प्रतिबंध हटाने की बात है तो यह पूरी तरह कानून और व्यवस्था का मामला है। इस बारे में स्थानीय प्रशासन को फैसला लेना है। उन्होंने बताया कि कश्मीर में अब सिर्फ 630 लोग ही जेल में हैं। इनमें सिर्फ 112 ही राजनीतिक बंदी हैं।’’