Report : Media Sarkar Bureau
भोपाल । गुरुवार को भोपाल में ‘पत्रकारिता विश्वविद्यालय’ में दो शिक्षकों के रवैये पर छात्रों का विरोध उग्र रहा। छात्रों का आरोप है कि शिक्षक छात्रों के बीच जातिवाद का जहर बो रहे हैं। शिक्षकों ने इसे राजनीति से प्रेरित बता दिया है। लेकिन इसी बीच इनमें से एक शिक्षक दिलीप मंडल, जो वरिष्ठ पत्रकार और लेखक हैं, देश की सबसे बड़ी राजनीतिक और समसामयिक पत्रिका इंडिया टूडे के संपादक रह चुके हैं, ने विद्यार्थी परिषद को शास्त्रार्थ का निमंत्रण दे डाला है। फिलहाल दिलीप मंडल के इस कदम से छात्रसंघ में खलबली है।
विद्यार्थी परिषद को शास्त्रार्थ का निमंत्रण
आज भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ABVP ने फुले-आंबेडकर विचारधारा को लेकर मेरे खिलाफ हंगामा किया और तोड़फोड़ की.
मेरा उनसे निवेदन है कि किसी तय तारीख को सांची स्तूप के पास आएं और मुद्दों पर बहस करें. स्वागत है.
संवाद की तैयारी कीजिए. मैं अपने साथ संविधान, संविधान सभा की बहस और तमाम राष्ट्र निर्माताओं की किताबें लेकर आऊंगा.
आप भी मनुस्मृति और गोडसे तथा गोलवलकर की किताबें लेकर आइए.
लाइव डिबेट करते हैं. लाइव प्रसारण हो. हो सकता है कि आप मुझे परास्त कर दें.
आइए तो सही. डरिए मत.
दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में विचारधारा की लड़ाई तर्कों के आधार पर लड़ी जाती है. मैं फरवरी महीने में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय मीडिया में जातिवाद पर बोलूंगा. वहां मुझसे असहमति रखने वाले दुनिया भर के विद्वान होंगे. लेकिन वे मुझे सुनेंगे और मैं भी उन्हें सुनूंगा.
आपको भी तोड़फोड़ की जगह संवाद का तरीका अपनाना चाहिए.
अपने विचार को संवाद की कसौटी पर कसने से डरिए मत.
आइए सांची स्तूप, ज्ञान की भूमि पर, लाइव शास्त्रार्थ के लिए.
आपका,
दिलीप मंडल