Report : Media Sarkar Bureau
अहमदाबाद: अदालत द्वारा बलात्कार का आरोप तय किये जाने के बाद स्वयंभू बाबा नित्यानंद पर एक और कानूनी शिकंजा कसा है। एक दंपति ने सोमवार को गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए अपनी दो बेटियों को वापस सौंपे जाने की मांग की, जिन्हें यहां कथित रूप से स्वयंभू बाबा नित्यानंद द्वारा चलाए जा रहे एक संस्थान में गैरकानूनी रूप से बंधक बना रखा है। नित्यानंद पर पहले कर्नाटक की अदालत ने जून 2018 में बलात्कार के मामले में आरोप तय किए थे।
बेटियों से नहीं मिलने देने के बाद उठाया कदम
याचिकाकर्ता जनार्दन शर्मा और उनकी पत्नी ने अदालत को बताया कि उन्होंने 2013 में बेंगलुरु में स्वामी नित्यानंद द्वारा चलाए जा रहे शैक्षिक संस्थान में अपनी चार बेटियों का दाखिला कराया था और तब उनकी आयु 7 से 15 वर्ष के बीच थी। जब उन्हें मालूम चला कि उनकी बेटियों को इस साल नित्यानंद ध्यानपीठम की एक अन्य शाखा योगिनी सर्वज्ञपीठम में भेज दिया गया है तो उन्होंने उनसे मिलने की कोशिश की। संस्थान के अधिकारियों ने उन्हें उनकी बेटियों से मिलने नहीं दिया। यह शाखा अहमदाबाद में दिल्ली पब्लिक स्कूल के परिसर में स्थित है।
याचिका के अनुसार, पुलिस की मदद से वे संस्थान गए और अपनी दो नाबालिग बेटियों को वापस ले आए लेकिन उनकी बड़ी बेटियों लोपमुद्रा जनार्दन शर्मा और नंदिता ने उनके साथ आने से इनकार कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी दो नाबालिग बेटियों को अगवा किया गया और दो सप्ताह से अधिक समय तक अवैध रूप से बंधक बनाया गया तथा उन्हें सोने नहीं दिया गया। उन्होंने इस संबंध में संस्थान के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। याचिका में शर्मा ने मांग किया है कि हाईकोर्ट पुलिस और संस्थान के कर्मचारियों को निर्देश दे कि वे उनकी बेटियों को उन्हें सौंपें. दंपति ने संस्थान में रखे गए अन्य नाबालिग बच्चों की भी जांच की मांग की है।