Report:Sanjeev Kumar, Senior Journalist
इन दिनो हमारी दुनिया जरूरत से ज्यादा तेज और अपडेटेड होने के चक्कर में कई खबरें हमारे ही समाज के लिए अभिशाप बनती जा रही है. यह भी कहा जा सकता है कि सोशल साईट्स की बाढ़ और उंगलियों पर ग्लोबल संचरण की चाह विद्रुप और बदनीयत मानसिकता को और ज्यादा बढ़ा रही है.
मामले तो कई हैं पर ताजा मामला है प.बंगाल के मुर्शिदाबाद का जहां के एक पूरे परिवार की दरींदगी से हत्या कर दी गयी.वजह का पता ना तो अभी तक पुलिस ही खोज पायी है ना ही स्थानीय सामाजिक स्तर पर कोई खुलासा हो पाया है. लेकिन इस हत्या के कारणों, हत्यारे और कई अलग अलग एंगल की खबरें सोशल मीडिया पर तैरने लगी.मामले को मसालेदार और सनसनीखेज बनाने के मकसद में ये फेक न्यूज वाले कितने कामयाब हो पाए पता नहीं लेकिन ये तो निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि इस तरह की खबरों ने समाज का ताना-बाना जरूर बिगाड़ कर तख दिया .
दरअसल विजय दशमी पर घर में शिक्षक, उनकी गर्भवती पत्नी और आठ वर्षीय बेटे की धारदार हथियार से नृशंस हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने घटनास्थल से हत्या में प्रयोग किए गए धारदार हथियार को बरामद किया था। हत्या की वजह को लेकर पुलिस अभी तक संशय में है। संदेह के आधार पर मृतक परिवार के अन्य सदस्यों एवं आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। घटना के बाद घर से निकलने वाले एक युवक की भी तलाश की जा रही है। उधर, हत्याकांड को लेकर इलाके में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोगों ने घटना की सीबीआइ जांच कराए जाने की मांग की। प्राथमिक जांच में संपत्ति के विवाद में हत्याकांड को अंजाम दिए जाने का अनुमान भी लगाया गया।
मूल रूप से जिले के सागरदीघी निवासी बंधु प्रकाश पाल 17 नंबर साहापुर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। बताया गया कि शिक्षक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य भी थे। करीब पांच वर्षों से शिक्षक अपनी पत्नी ब्यूटी मंडल और आठ वर्षीय बेटे बंधु अंगन पाल के साथ जियागंज के लेबूतला में रह रहे थे। बीते विजय दशमी की सुबह करीब दस बजे प्रकाश बाजार से लौटे थे। इसके बाद दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे उनके घर से चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। इस पर आसपास के लोग शिक्षक के घर जा पहुंचे। आरोप है कि उस वक्त एक युवक को घर के अंदर से निकलकर भागते हुए देखा गया था। घर के अंदर का नजारा देख लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
ये तो उस दिन की तस्वीर थी लेकिन जल्द ही वहां की तस्वीर बदलने लगी, हवा में कई तरह की बाते और खबरे तैरने लगी. लोग कयास लगाने लगे, कई तरह की अफवाहें वातावरण में फैलने लगी और ये स्वत: नही बल्कि सोची समझी साजिश के तहत एक वर्ग अलग अलग एंगल देने लगा और खबरों के बाजार को गर्म कर दिया.
किसी ने इसे आर एस एस के साथ जोड़ा तो किसी ने इसे ममता बनर्जी के साथ जोड़कर सियासी जामा भी पहना दिया.फेक खबरदारों ने पुलिस से भी ज्यादा तेज काम कर दिखाया. आज भी पुलिस अंधेरे में तीर मार रही है हाथ कुछ नहीं लग पाया है . लेकिन दूसरी तरफ देखे तो कुराफात करने वाले अपने मकसद में कामयाब भी हो गए हैं .चारो तरफ भामक खबरे फैलाने मे सफल भी हो गए हैं.
सनसनीखेज़ ट्रिपल मर्डर को आरएसएस एंगल भी दे दिया गया
चर्चा का ज़्यादा बड़ा कारण यह है कि मृतक शिक्षक को आरएसएस से जुड़ा बताया जा रहा है.और ये सब तब और ज्यादा बढ़ गया जब इसे सोशल साईट्स पर शेयर किया जाने लगा .पश्चिम बंगाल पुलिस और सीआईडी इन रहस्यों को भेदने की कोशिशें कर रही है, लेकिन घटना के हफ़्ते भर बाद भी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है.कुछ लोग हिरासत में लिए गए हैं, जिनमें मृतक बंधु प्रकाश पाल के पिताजी अमर पाल भी शामिल हैं. हिरासत में लिए गए लोगों में से कोई भी गैर-हिंदू नहीं है. जबकि मृतक की मां का दावा है कि बंधु प्रकाश पाल का संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या भारतीय जनता पार्टी से नहीं था.ऐसे में यह रहस्य और गहरा गया है कि बंधु प्रकाश पाल, उनकी गर्भवती पत्नी ब्यूटी पाल और सात साल के बेटे आर्य पाल की नृशंस हत्या किसने और किन कारणों से की. पुलिस को शक है कि इस तिहरे हत्याकांड का कारण व्यक्तिगत है, न कि राजनीतिक. लेकिन जिस तरह से खबरो का लगना जारी है ऐसे में हो सकता है जांच में कोई बड़ा भटकाव भी न आ जाए . अगर ऐसा होता है तो फिर एक बड़ा अंजाम होगा यानि कि हत्या की मूल वजह और वास्तविक हत्यारा भी पुलिस से फिसल जाएगा. और ये सब होगा झूठी और भटकाने वाली खबरों की वजह से .