Report:Media Sarkar,Bureu
विभिन्न पेशों से जुड़े 550 से भी ज्यादा लोग पांच किलोमीटर की दौड़ में शामिल हुए और आत्महत्या रोकथाम के लिए मिलकर काम करने का संदेश दिया।
आत्महत्या। एक डरावना शब्द। एक शब्द, जो आँखों के सामने मौत का भयावह मंजर खड़ा कर देता है। कहने को इसके अर्थ मनचाही मौत से जुड़ते हैं लेकिन सच यह है कि यह एक अनचाही और अनपेक्षित मौत की दर्दनाक स्थिति है। एक हँसते-खेलते जीवन का त्रासद अंत। फाँसी, ज़हर, आग और नदी जैसे कितने ही नए-पुराने तरीके मौत को गले लगाने के लिए आजमाएँ जा रहे हैं।लेकिन आत्महत्या ही एकमात्र रास्ता है क्या ? वजह जो भी हो रास्ता किसी भी सूरत में ठीक नहीं .लेकिन आखिर रास्ता क्या है इससे बचने के लिए ? कुछ संस्थाए और लोग इस तरह की समस्या से निदान की कोशिशों में लगे हुए हैं. इसी मसले को लेकर बेंगलूरु में एक खास दौड़ का आयोजन किया गया.
राष्ट्रीय मानसिक आरोग्य व स्नायु विज्ञान संस्थान (National Institute of Mental Health and Neurosciences) के मनोरोग विभाग और जिमखाना निम्हांस ने बुधवार को ‘लव फॉर लाइफ’ रनाथन का आयोजन निम्हांस परिसर में किया। विभिन्न पेशों से जुड़े 550 से भी ज्यादा लोग पांच किलोमीटर की दौड़ में शामिल हुए और आत्महत्या रोकथाम (Suicide Prevention) के लिए मिलकर काम करने का संदेश दिया। निम्हांस के निदेशक डा. बी एन गंगाधर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सभी लोगों को मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूक भी किया गया। मनोरोग विभाग की प्रमुख डॉ. प्रतिमा मूर्ति और निम्हांस जिमखाना की अध्यक्ष डॉ. सत्यप्रभा ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।