Report:Media Sarkar,Bureau
एमपी कोष से होने वाले कार्यों का जमीनी स्तर पर सत्यापन होगा। योजनाओं की जांच तीसरी बाहरी एजेंसी करेगी। केंद्र सरकार के निर्देश पर जांच को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एजेंसी को आमंत्रित किया गया है। हरेक राज्य में कुछ एक जिलों को नोडल के तौर पर चुना गया है ।
बिहार के 15 जिलों के 35 सांसदों की योजनाओं की जांच बाहरी एजेंसी करेगी ।बाहरी एजेंसी से जांच कराने के लिए केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने राज्य सरकार को सूचना दी है। कहा है कि देश के 472 जिलों में लोकसभा व राज्यसभा के सांसद अपने फंड का उपयोग करते हैं। इनमें से 215 जिले की 492 लोकसभा व राज्यसभा सांसदों की योजनाओं की जांच करने का निर्णय हुआ है।थर्ड पार्टी जांच कराने का मकसद है कि सांसद योजना के तहत हुए काम का समाज पर कितना असर हुआ है विशेषकर अनुसूचित जाति और जनजाति की कितनी आबादी को लाभ हुआ है। यह भी देखा जाएगा कि सांसदों द्वारा चुनी गई योजनाओं को जनहित में जारी रखना जरूरी है या नहीं जो काम हो रहा है क्या उसे किसी और योजना में विलय किया है सकता है या उसमें कुछ सुधार करने की गुंजाइश है।
थर्ड पार्टी सर्वे के लिए बिहार के 15 जिलों का चयन हुआ है। पटना में 8, पूर्वी चंपारण एवं समस्तीपुर के तीन-तीन, पश्चिम चंपारण, भागलपुर,बक्सर, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर ,रोहतास, कटिहार, मधुबनी व सारण के दो-दो अररिया औरंगाबाद बांका के 1 सांसदों की फंड की जांच होगी ।