Report: Media Sarkar Bureau
आज गांधी और गांधीवाद कहां है , समग्र विकास और सतत विकास की प्रक्रिया की राह के रोड़े क्या हैं,क्या है इसके निदान ? इन्ही सारी बातों पर चर्चा और राह निकालने को लेकर चरखा संवाद में काफी तादाद में चिंतक और लेखक इकठ्ठा हो रहे हैं दिल्ली के हैबिटेट सेंटर में आनेवाले ग्यारह अक्टूबर को . साथ में होंगे उद्योग और व्यापार जगत की जानी मानी हस्तियां .
गांधी ने हमें सिर्फ अहिंसा और सत्याग्रह का ही मार्ग नहीं दिखाया बल्कि हमारे जीने का जरिया और रास्ता भी दिया. गांधी जी ने कभी विकास का विरोध नहीं किया न ही उन्होने कभी बदलाव का विरोध किया . लेकिन गांधी जी ने हमें जो रास्ता दिया उसपर सबके हक की बात की थी. चुनींदा विकास या कुछ गिनती के लोगों या जमात की समृद्धि की बात नहीं की थी . उन्होने जिस विकास की बात की थी वो समग्र और सतत विकास की वो धारा है जो समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने वाला विकास है.
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आज उसी विकास की जरूरत है. देश में उत्पादन और निर्माण की प्रक्रिया में सबको शामिल करना और उसका फायदा सबको मिले इसी रास्ते पर चलने की जरूरत है और इसके लिए एक सर्वसम्मति रास्ता बनाकर चलना होगा. और इसके लिए हमे सभी प्रबुद्ध और व्यवस्थापक वर्ग को आम सहमति बनाकर एक खाका तैयार करना पड़ेगा .
बात कृषि की हो या उद्योग की, हर क्षेत्र में हमें स्वदेशी और मौलिक तौर तरीकों को अपनाना होगा. संरक्षण के रास्ते को अपनाना होगा . ये अलग बात है कि साथ में हमे यह भी ख्याल रखना होगा कि दूसरी दुनिया के सामने भी हम बौने न पड़ें.
इन्ही तरह की बातों और पेचीदगियों पर जो चर्चा चरखा संवाद में होगी उसपर कई विषेशज्ञों की खास राय और मशविरे भी आएंगे. उम्मीद है इस विशेष आयोजन से कई नए रास्ते भी खुलेंगे .