Report: Media Sarkar,Bureau
टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा पत्नियों को खिलाड़ी पति के परफार्मेंस के लिए हानिकारक या विघ्नकारक नहीं मानती है. पत्नियां तो पति के लिए और ज्यादा अच्छा परफार्मेंस देने में सहायक साबित होती है. क्रिकेट जैसे खेल में भी यही कुछ लागू होता है.
टेनिस स्टार सानिया मिर्जा (Sania Mirza) ने क्रिकेट दौरों पर क्रिकेटरों की पत्नियों और महिला मित्रों को साथ जाने की अनुमति नहीं देने की आलोचना करते हुए कहा कि यह रवैया उस मानसिकता से बना है जिसमें महिलाओं को ताकत नहीं बल्कि ध्यानभंग करने वाली माना जाता है.
सानिया मिर्जा ने भारतीय आर्थिक मंच पर कहा कि लड़कियों को छोटी उम्र से ही खेलों में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘कई बार हमारी क्रिकेट टीम और कई अन्य टीमों में, मैंने देखा है कि पत्नियां या महिला मित्रों को दौरे पर जाने की अनुमति नहीं दी जाती क्योंकि लड़कों का ध्यान भंग हो जाएगा.
गंदी और गलत मानसिकता के कारण लिया जाता है यह फैसला
सानिया ने कहा, ‘इसका क्या मतलब है? महिलायें ऐसा क्या करती हैं कि उससे पुरुषों का ध्यान इतना भंग हो जाता है? ’ उन्होंने कहा, ‘देखिए यह चीज उस गहरी मानसिकता से आती है जिसमें माना जाता है कि महिलायें ताकत नहीं बल्कि ध्यान भंग करती हैं. ’सानिया ने कहा कि यह साबित भी हो चुका है कि टीम में पुरुष खिलाड़ी तब बेहतर प्रदर्शन करते हैं जब उनकी पत्नियां और महिला मित्र और उनका परिवार उनके साथ रहता है क्योंकि इससे जब वे कमरे में आते हैं तो वे खुशी महसूस करते हैं. उन्होंने कहा, ‘वे (पुरुष खिलाड़ी) खाली कमरे में वापस नहीं आते, वे बाहर जा सकते हैं, डिनर कर सकते हैं. जब आपकी पत्नी या महिला मित्र आपके साथ होती हैं तो इससे आपको सहयोग मिलता है. ’